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पहली बार शिवसेना, कांग्रेस और NCP की संयुक्त बैठक, हुसैन दलवाई बोले- BJP को सत्ता में आने रोकना ही मकसद है

कॉमन मिनिमन प्रोग्राम को लेकर पहली बार गुरुवार को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच साझा बैठक हुई.

Updated on: 14 Nov 2019, 06:36 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. बीजेपी ने जहां सरकार बनाने के लिए मना कर दिया है तो वहीं कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार मंथन चल रही है. कॉमन मिनिमन प्रोग्राम को लेकर पहली बार गुरुवार को मुंबई में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच साझा बैठक हुई.

कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने में हो रही देरी पर कहा कि तीनों पार्टियों की रोज मीटिंग चल रही है. मामला जल्द हल हो जाएगा. बीजेपी को सत्ता में आने रोकना है. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हो रही है. वहीं, वीर सावरकर को शिवसेना द्वारा भारत रत्न दिलाने के नाम पर हुसैन दलवई भाग खड़े हुए हैं.

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बता दें कि बुधवार को मुंबई के एक होटल में कांग्रेस और एनसीपी के बीच गुप्त बैठक हुई थी. इस मीटिंग में एनसीपी के जयंत पाटील, अजीत पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक मौजूद थे. वहीं, कांग्रेस की ओर से बैठक में पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोरात, माणिकराव ठाकरे व विजय वडेट्टीवार शामिल हुए थे.

कांग्रेस और एनसीपी के बाद आज शिवसेना के साथ दोनों दलों की साझा बैठक हुई है. महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन टूट गया. इसके लिए शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि तीनों पार्टियों में किस पार्टी का सीएम बनेगा, लेकिन बीजेपी ने साफ कर दिया है कि उनके पास बहुमत की संख्या न होने की वजह से बीजेपी सरकार नहीं बनाएगी.

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शिवसेना के सांसद संजय राउत ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी से कहा कि वह उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश न करें और शिवसेना को अपना राजनीतिक रास्ता चुनने दें. राउत ने मीडिया में कहा, 'हम लड़ने और मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन धमकी या जबरदस्ती की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे.' राउत बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीते लोकसभा चुनाव से पहले बंद दरवाजों के पीछे सत्ता के बंटवारे के फामूर्ले पर की गई टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे.

इस बीच शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा था कि पार्टी के सभी फैसले उद्धव ठाकरे ही लेंगे. उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन पर भी बात की है. फिलहाल, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता हूं. बस इतना कहना है कि एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक है.