महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन सरकार को कांग्रेस दे सकती है झटका, जानिए क्या है वजह
कांग्रेस के खाते में अन्य मंत्रिपदों के अलावा राजस्व और लोक निर्माण विभाग हैं.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में अगले सप्ताह होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार से पहले, कांग्रेस की राज्य इकाई पार्टी के खाते में आए मंत्रिपदों से संतुष्ट नहीं है. पार्टी के एक सूत्र ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य इकाई के नेताओं ने कांग्रेस हाई कमान को अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया है. बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार 30 दिसंबर को होने की संभावना है. वर्तमान में छह मंत्रियों को जो मंत्रिपद दिए गए हैं उनमें शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा से दो-दो मंत्री हैं.
कांग्रेस के खाते में अन्य मंत्रिपदों के अलावा राजस्व और लोक निर्माण विभाग हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस को मिले अधिकतर विभागों का जनता से कोई सीधा संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'पशुपालन और कपड़ा जैसे मंत्रालय जो हमें मिले हैं, इनका कृषि और उद्योग मंत्रालय में विलय कर देना चाहिए.' उन्होंने कहा कि इस विषय पर कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खडगे के साथ चर्चा होने की संभावना है जो पार्टी के स्थापना दिवस 28 दिसंबर को मुंबई में होंगे.
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नेता ने कहा, 'अगर अभी इसका कोई हल नहीं निकला तो भविष्य में महाराष्ट्र में कांग्रेस को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि पार्टी की नजर कृषि, सहकारिता, उद्योग, आवास और ग्रामीण विकास मंत्रालयों पर है और इनमें से कम से कम दो उसे मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'हमें गृह, वित्त, शहरी विकास में राज्यमंत्री के पद के लिए भी दृढ़ होना होगा. तभी तीनों दलों के बीच शक्ति संतुलन कायम हो सकेगा.'
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आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था. भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में सबसे बड़ा दल बनकर उभरा था उसे 105 सीटें मिली थीं जबकि शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों में मतभेद हो गया शिवसेना का कहना था कि दोनों के मुख्यमंत्री ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाएंगे जबकि बीजेपी ने कहा शुरू से लेकर चुनाव खत्म होने तक कभी ऐसी बात ही नहीं रखी गई थी. हमने हमेशा कहा था कि हम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें ही अपना मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया है.
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इसके बाद बीजेपी और एनसीपी ने नाटकीय तरीके से 2 दिनों के लिए सरकार बना ली एनसीपी नेता अजित पवार ने विधायकों का समर्थन पत्र गवर्नर को सौंपकर फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की और खुद डिप्टी सीएम की शपथ ले ली लेकिन दो दिनों के भीतर बहुमत साबित करने से पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाई.
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