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मुख्‍यमंत्री शिवसेना का, गृह मंत्रालय एनसीपी को तो कांग्रेस को मिलेगा राजस्‍व मंत्रालय : सूत्र

महाराष्‍ट्र में सरकार गठन के औपचारिक ऐलान से पहले उसकी रूपरेखा सामने आ गई है. सूत्रों का कहना है कि मुख्‍यमंत्री शिवसेना का होगा तो गृह मंत्रालय एनसीपी को मिलेगा. राजस्‍व मंत्रालय पर कांग्रेस का कब्‍जा होगा.

Updated on: 22 Nov 2019, 02:45 PM

नई दिल्‍ली:

कई दिनों की माथापच्‍ची और दिल्‍ली (Delhi) से लेकर मुंबई (Mumbai) तक मैराथन बैठकों के बाद आखिरकार शुक्रवार को महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन की रूपरेखा सामने आ गई. सूत्रों की बात पर यकीन करें तो महाराष्‍ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) का मुख्‍यमंत्री होगा, जैसा कि अनुमान था. सरकार में दूसरे नंबर के मंत्रालय यानी गृह (Home) पर शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (NCP) का कब्‍जा होगा तो कांग्रेस के हिस्‍से में राजस्‍व मंत्रालय (Revenue Ministry) आया है. इसके अलावा नगर विकास मंत्रालय (Urban Development Ministry) शिवसेना के खाते में आया है. अभी विधानसभा अध्‍यक्ष (Speaker) पद को लेकर फैसला नहीं हो पाया है.

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सूत्रों का यह भी कहना है कि मंत्री पदों का बंटवारा विधायकों की संख्‍या के आधार पर होगा. यानी जिसके जितने विधायक होंगे, मंत्रालयों का बंटवारा भी उसी अनुपात में होगा. इस लिहाज से शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के अलावा 15 मंत्री पद, एनसीपी को भी 15 मंत्री पद मिलेगा. दूसरी ओर, तीसरी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के 12 विधायक मंत्री बनेंगे.

इससे पहले खबर आई थी कि शिवसेना शहरी विकास मंत्रालय, पीडब्लूडी, गृह, शिक्षा (हायर टेक्निकल, मेडिकल और स्कूल) और ग्रामीण विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. वहीं, कांग्रेस भी शहरी विकास मंत्रालय पर दावा कर रही है तो स्‍पीकर पद पर एनसीपी और कांग्रेस दोनों की नजर है. एनसीपी गृह, वित्त, पीडब्लूडी, जल संसाधन और ग्रामीण विकास मंत्रालय पर नजर गड़ाए है तो कांग्रेस वित्त, ग्रामीण विकास और रेवेन्यू जैसे मंत्रालय पास रखना चाहती है.

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अभी तक ढाई-ढाई साल के लिए रोटेशनल सीएम को लेकर कोई बात निकलकर सामने नहीं आई है. पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस ने रोटेशनल सीएम पद को लेकर एनसीपी से दावा करने को कहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि एनसीपी को रोटेशनल सीएम पद पर नजर नहीं है. पहले यह भी खबर आई थी कि कांग्रेस नई सरकार में बराबर-बराबर (14-14-14) विभाग की बात कर रही है. जबकि नए फॉर्मूले में शिवसेना और एनसीपी के 15-15 तो कांग्रेस के 12 विधायक मंत्री बन सकते हैं.