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फिर गरमाई महाराष्ट्र की राजनीति, पार्टी से नाराज BJP नेता एकनाथ खडसे ने की शरद पवार से मुलाकात

महाराष्ट्र की राजनीति फिर खबर की सुर्खियों में आ गया है, यहां बीजेपी को एक और बड़ा झटका लग सकता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने सोमवार को दिल्ली में एनसीपी नेता शरज पवार से मुलातकात की है.

Updated on: 10 Dec 2019, 10:30 AM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की राजनीति फिर खबर की सुर्खियों में आ गया है, यहां बीजेपी को एक और बड़ा झटका लग सकता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने सोमवार को दिल्ली में एनसीपी नेता शरज पवार से मुलातकात की है. कयास लगाएं जा रहे है कि काफी समय से पार्टी से नाराज खडसे की ये मुलाकात के कई मायने हो सकते हैं. महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करने के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे हुए थे.

बता दें कि विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से खडसे राज्य नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कोई कदम उठाएंगे. उन्होंने शाम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात की. 

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खडसे ने शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने किसानों की समस्या और सिंचाई के मुद्दों को लेकर एनसीपी अध्यक्ष से मुलाकात की है. बीजेपी से अलग होने वाली बात पर उन्होंने कहा कि वो बीजेपी को छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. खबरों के मुताबिक आज यानि मंगलवार को एकनाथ खडसे सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं.

वहीं पूर्व मंत्री के एक निकट सहयोगी ने कहा, 'खडसे ने दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने का समय मांगा है. मुलाकात में मुख्य मुद्दा पार्टी के अंदर उनके अलग-थलग होने को समाप्त किए जाने के बारे में होगा.' सहयोगी ने दावा किया कि पार्टी द्वारा खडसे से किए जा रहे व्यवहार के कारण ओबीसी नेतृत्व में 'नाराजगी' है और दिल्ली के नेताओं से इस पर भी चर्चा की जा सकती है. खडसे ने शनिवार को पार्टी नेतृत्व को c चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उनका 'अपमान' जारी रहा तो वह दूसरे विकल्प की तलाश करेंगे.

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गौरतलब है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में जमीन कब्जाने के आरोपों में 2016 में खडसे ने राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करने के बाद पार्टी के कुछ निर्णयों के खिलाफ 67 वर्षीय नेता ने आवाज उठाई थी. विधानसभा चुनावों में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था.