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सीनियर्स के टॉर्चर से परेशान होकर पिछड़ी जाति की मेडिकल छात्रा ने की खुदकुशी, आरक्षण के तहत मिला था एडमिशन

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बीवाईएल नायर हॉस्पिटल की तीन महिला डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

Updated on: 26 May 2019, 09:59 AM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के बीवाईएल नायर हॉस्पिटल में एमडी सेंकड ईयर की छात्रा ने कथित तौर पर सीनियर छात्रों की जातीय टिप्पणियों और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर 22 मई को आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाली लड़की का नाम डॉ. पायल तडवी बताया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पायल पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखती है और आरक्षण के तहत उसे मेडिकल में दाखिला मिला था. यही वजह थी कि उसके सीनियर्स उस पर जातीय टिप्पणी और फब्तियां कसते थे.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बीवाईएल नायर हॉस्पिटल की तीन महिला डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. पुलिस ने सभी आरोपियों पर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एसी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायल का आरक्षित कोटे के तहत 1 मई 2018 को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला था.

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एडमिशन के बाद से ही पायल को सीनियर्स की रैगिंग और प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा रहा था. मेडिकल कॉलेज पायल के साथ हो रही ज्यादती की बात उसके परिजनों को भी पता थी. जिसके बाद मृतका के परिजनों ने हॉस्टल वॉर्डन से आरोपियों की शिकायत की थी. आरोपियों पर परिजनों की शिकायत का कोई असर नहीं दिखा और वे लगातार पायल को परेशान करते रहे. पायल ने अपने रूम के पंखे में ही दुपट्टा बांधकर फांसी लगा ली. आरोपी डॉक्टरों में डॉक्टर हेमा आहुजा, डॉक्टर भक्ति मेहर और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल शामिल हैं.