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Ayodhya verdict: अयोध्या मामले में उद्धव ठाकरे ने इन तीन नेताओं के योगदान की सराहना की

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान जारी किया है.

Updated on: 09 Nov 2019, 05:06 PM

नई दिल्ली:

हिन्‍दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्‍य श्रीराम (SriRam) का अयोध्‍या में मंदिर बनने का रास्‍ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को विवादित पूरी 2.77 एकड़ जमीन राम लला को दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानूनी तौर पर श्रीराम को एक व्‍यक्‍ति मानते हुए अयोध्‍या (Ayodhya) में राम मंदिर का रास्‍ता साफ कर दिया है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान जारी किया है. 

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि दशकों से चले विवाद के बाद आज न्याय मिला है. श्रीराम का जन्म कहां हुआ था, उसकी आज पुष्टि हुई हैं. न्याय देवता के न्याय को सबने स्वीकार किया, वो दौर ऐसा था कि हिन्दू कहने में भी डर था, तब बालासाहब ठाकरे ने कहां था कि गर्व से कहो कि हिन्दू हैं. उन्होंने आगे कहा कि लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इसमें योगदान दिया था.

शिवसेना प्रमुख ने आगे कहा कि मैंने अपने महाराष्ट्र की मिट्टी अयोध्या में लेकर गया था और एक साल के बीच ही ये निर्णय सामने आया. हिन्दू को न्याय मिला है. मैं दोबारा अयोध्या जाऊंगा. इस पर्व का हम सब स्वागत करते हैं. आज का दिन बड़ा अहम है. मैं महाराष्ट्र की मिट्टी लेकर अयोध्या गया था. मुझे विश्वास था कि जिस मिट्टी ने चमत्कार को जन्म दिया वो मिट्टी ने चमत्कार दिखा दिया. अब 24 को दोबारा जाऊंगा और बार-बार अयोध्या जाऊंगा.

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उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में ऐसी कोई शक्ति है, जो बार-बार अयोध्या जाने को प्रोत्साहित करती है. जो आंदोलन में शामिल हुए थे चाहे कारसेवा में हो या अन्य कार्यक्रमों में मैं उन सबको धन्यवाद देता हूं और नमन करता हूं. उद्धव ठाकरे ने ओवैसी के बयान पर कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट नहीं हैं जो कुछ कहे. मैं शिवसैनिकों और जनता से आवाह्न करना हूं कि खुशियां मनाइये, लेकिन किसी को आहात ना हो ऐसे बयान ना दे. इस मौके पर उद्धव ठाकरे के साथ अनिल देसाई, एकनाथ शिंदे, अरविन्द सावंत, आदित्य ठाकरे मौजूद थे.

बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कि आज मैं बहुत खुश हूं. पूरे संघर्ष के दौरान कई कारसेवकों ने बलिदान दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनका बलिदान बेकार नहीं गया. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द-से-जल्द होना चाहिए. राम मंदिर के साथ-साथ राष्ट्र में राम राज्य भी होना चाहिए, यही मेरी इच्छा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिन्‍दुओं की आस्‍था और विश्‍वास (faith and belief) को दरकिनार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन माह में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्‍ट और योजना बनाने का आदेश दिया है. साथ ही मुस्‍लिम पक्ष के लिए अयोध्‍या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.

वहीं, अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर छह दिसंबर को बाबरी मस्‍जिद नहीं गिरी होती तो कोर्ट का फैसला क्‍या आता. बोले कि छह दिसंबर के दिन क्‍या हुआ था, इसे हम अपनी आने वाली नस्‍लों को बताएंगे कि छह दिसंबर को अयोध्‍या में क्‍या हुआ था. छह दिसंबर का मामला मुसलमानों का मुद्दा नहीं है. यह भारत का मामला है. हमें मस्‍जिद के लिए दान की जमीन की जरूरत नहीं है, हम मस्‍जिद के लिए जमीन खरीद सकते हैं.

असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी आज अपना असली रंग दिखा दिया है. कांग्रेस पार्टी पाखंडी और धोखेबाजों की पार्टी है. उन्होंने आगे कहा कि अगर 1949 में मूर्तियों को नहीं रखा गया होता और तत्‍कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ताले नहीं खुलवाए होते तो मस्‍जिद अभी भी होती. वहीं, नरसिम्‍हा राव ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया होता तो मस्‍जिद अभी भी होती.