logo-image

उज्जैन पुलिस की सटोरियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 40 लोग हुए गिरफ्तार

उज्जैन क्राइम ब्रांच ने जब छापामार कार्रवाई की तो पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी दंग रह गए.

Updated on: 14 Jan 2020, 10:02 AM

highlights

  • उज्जैन में पुलिस (Ujjain Police) की सख्ती के बावजूद सटोरियों के खिलाफ बड़ी ही सख्त कार्रवाई की है. 
  • उज्जैन क्राइम ब्रांच ने जब छापामार कार्रवाई की तो पुलिस अधिकारी और कर्मचारी दंग रह गए.
  • पुलिस को 20 से 25 सटोरियों के एक साथ पकड़े जाने की उम्मीद थी लेकिन जब पुलिस ने दबिश दी तो मौके से 40 सटोरियों पकड़ाए.

बेगमबाग:

उज्जैन में पुलिस (Ujjain Police) की सख्ती के बावजूद सटोरियों के खिलाफ बड़ी ही सख्त कार्रवाई की है. दरअसल, बेगमबाग में सट्टे का एक छोटा उद्योग चल रहा था. उज्जैन क्राइम ब्रांच ने जब छापामार कार्रवाई की तो पुलिस अधिकारी और कर्मचारी दंग रह गए . अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर के नेतृत्व में पुलिस टीम को बड़ी सफलता अर्जित हुई है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर की टीम को सूचना मिली थी कि बेगम बाग कॉलोनी में बड़ा सट्टा चल रहा है हालांकि मुखबिर से जिस प्रकार की जानकारी दी थी उससे पुलिस को 20 से 25 सटोरियों के एक साथ पकड़े जाने की उम्मीद थी लेकिन जब पुलिस ने दबिश दी तो मौके से 40 सटोरियों पकड़ाए.

आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में सट्टा पर्ची और नगदी भी बरामद की गई है. आरोपियों को पकड़ने के बाद उन्हें रस्सी बांधकर महाकाल थाने लाया गया . इस दौरान पुलिस ने चौराहों पर उन्हें सबक भी सिखाया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच कई सफलताएं अर्जित कर चुकी है . इस बार क्राइम ब्रांच ने जो रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई की है , उससे सटोरियों में हड़कंप मच गया है.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने MPPSC की परीक्षा में भील समाज को लेकर पूछे गए सवाल पर दिए जांच के आदेश

महाकाल थाने में सटोरियों की इतनी बड़ी तादाद पहुंचने से पूरा थाना भरा गया . थाने के बाहर भी लोगों की भीड़ लग गई. बताया जाता है कि सटोरियों को पैदल ही घटनास्थल से थाने तक ले जाया गया. इस जुलूस को देखने के लिए भी लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सटोरियों ने बकायदा पक्षियों को लेकर नोटिस बोर्ड तक लगा रखे थे .

यह भी पढ़ें: शराब पर मध्य प्रदेश में सियासी घमासान, आरोप-प्रत्यारोप का चल पड़ा दौर

नोटिस बोर्ड पर लिख रखा था कि जो पर्ची पर अंक लिखा जाएगा वहीं माना जाएगा इसलिए पर्ची को सोच समझकर लिख कर देवें. मतलब साफ है कि सटोरियों की यहां बड़ी तादाद में भीड़ एकत्रित होती थी ऐसे में सटोरियों को हिसाब-किताब रखने के लिए कई लोगों का सहारा भी लेना पड़ता था.