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मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फिर लगाई विपक्ष में सेंध, 112 विधायकों के साथ साबित किया बहुमत

एक दिन पहले सोमवार रात करीब 9 बजे मध्‍य प्रदेश के सीएम बने शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है. उनके समर्थन में 112 विधायक मौजूद रहे, जबकि कांग्रेस के विधायक सदन में पहुंचे ही नहीं.

Updated on: 24 Mar 2020, 12:07 PM

नई दिल्‍ली:

एक दिन पहले सोमवार रात करीब 9 बजे मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीएम बने शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने मंगलवार को विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में बहुमत हासिल कर लिया है. उनके समर्थन में 112 विधायक मौजूद रहे, जबकि कांग्रेस के विधायक सदन में पहुंचे ही नहीं. शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में बिना किसी विरोध के आसानी से विश्‍वासमत हासिल कर लिया है. इस दौरान कांग्रेस का एक भी विधायक सदन में मौजूद नहीं था. दिलचस्‍प है कि सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों ने विश्‍वासमत के समर्थन में वोट किया, जबकि सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कांग्रेस के समर्थन में वोट करने की बात कही थी.

सदन की संक्षिप्त बैठक में चौहान ने एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन में उपस्थित सत्ता पक्ष के विधायकों ने ध्वनिमत से अपना समर्थन दिया. स्पीकार की कुर्सी पर विराजमान वरिष्ठ विधायक जगदीश देवड़ा द्वारा विश्वास मत पारित करने की घोषणा के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले मंगलवार सुबह को भाजपा ने एक अपने विधायकों को व्हिप जारी कर विश्वास मत के पक्ष में मत देने का कहा था. भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति एवं उपाध्यक्ष हिना कांवरे द्वारा इस्तीफा देने के कारण भाजपा के वरिष्ठ विधायक जगदीश देवडा अध्यक्ष की आसंदी पर विराजमान हुए और सदन की कार्यवाही की.

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उन्होंने दावा किया कि सदन में कुल 112 सदस्यों ने ध्वनि मत से चौहान का समर्थन किया. इनमें भाजपा के सदस्यों के अलावा, बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायक शामिल थे. इस प्रकार शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली, प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. उन्होंने कहा कि इसके बाद सदन की कार्यवाही को 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. मिश्रा ने बताया कि 27 मार्च को लेखानुदान पेश किया जाएगा.

इससे पहले मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी पहली प्राथमिकता लोगों को कोरोना से बचाने की होगी. कोरोना के संक्रमण से प्रदेश की जनता को बचाने के लिहाज से सुरक्षा संबंधी कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

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इससे पहले कोरोना वायरस का भय बयां करते हुए कमलनाथ सरकार में स्‍पीकर नर्मदा प्रजापति (Narmada Prajapati) ने विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का बजट सत्र (Budget Session) स्‍थगित कर दिया था. अब नई सरकार बनने के बाद स्‍पीकर ने बड़ा फैसला लेते हुए आधी रात को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था.

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शपथ लेते ही शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से निपटने की तैयारियों और स्वास्‍थ्य विभाग के इंतजामों को लेकर आधी रात को एक बैठक ली. उसके बाद भोपाल और जबलपुर में कर्फ्यू लगाने के‌ निर्देश दिए. जबलपुर में भी कर्फ्यू लगाया गया है.इस दौरान सभी दुकानें, सरकारी-गैर सरकारी दफ्तर और प्रतिष्ठान बंद रहेंगे.