logo-image

धीमे सर्वर के कारण खाते में नहीं पहुंची 1.30 लाख कर्मचारियों की सैलरी

सरकारी आदेश के बावजूद प्रदेश के 1.30 लाख कर्मचारियों को धनतेरस के मौके पर अक्टूबर महीने का वेतन नहीं मिला. क्योंकि, जिस आईएमएफएस सर्वर के जरिए विभागों के कोषालयों में बिल जनरेट होते हैं वह शुक्रवार को धीमा रहा.

Updated on: 26 Oct 2019, 02:57 PM

भोपाल:

सरकारी आदेश के बावजूद प्रदेश के 1.30 लाख कर्मचारियों को धनतेरस के मौके पर अक्टूबर महीने का वेतन नहीं मिला. क्योंकि, जिस आईएमएफएस सर्वर के जरिए विभागों के कोषालयों में बिल जनरेट होते हैं वह शुक्रवार को धीमा रहा. राज्य मंत्रालय में सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारियों को ही वेतन मिल पाया. विभागों के लेखपाल जब भी सर्वर पर विजिट करते हैं तो वहां प्लीज वेट, योर रिक्वेस्ट इज इन प्रोग्रेस, प्लीज डू नॉट क्लिक ऑन रीसेंड बटन का मैसेज देखने को मिलता है. शाम को जब सर्वर चला तब भी सिर्फ कुछ विभागों के ही बिल बन पाए.

यह भी पढ़ें- ग्वालियर में हाईटेंशन लाइन पर चढ़ कर युवक ने लगाई फांसी

शनिवार को उम्मीद है कि बचे हुए 1.30 लाख कर्मचारियों का वेतन आ जाए. आपको बता दें कि कर्मचारी संगठनों की मांग थी कि अक्टूबर का वेतन नवंबर के बजाय धनतेरस और दीपावली के चलते अक्टूबर में ही दिया जाए. इसके लिए उन्होंने वित्तमंत्री से भी मुलाकात की. इसके बाद शासन ने 24-25 अक्टूबर को वेतन देने से संबंधित आदेश जारी किया था.

यह भी पढ़ें- MP के सरकारी कर्मचारियों की रोशन नहीं होगी दीवाली, अभी नहीं बढ़ेगा DA

राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष अशोक शर्मा तृतीय वर्ग संघ के अध्यक्ष ओपी कटियार, स्टेनोग्राफर्स संघ के उपाध्यक्ष आलोक तिवारी ने बताये कि शाम तक इंतजार किया गया. लेकिन सैलरी तैयार नहीं हो सकी. शिक्षक कांग्रेस के महासचिव सुभाष सक्सेना के मुताबिक प्रदेश भर के अध्यापकों को वेतन नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के बैतूल में चार साल की बच्ची को कुत्ते ने नोच-नोच कर मार डाला

सरकारी आदेश मिलने के बाद विभाग वेतन तैयार करने में जुट गया था. लेकिन बिल जनरेट करने संबंधी पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन दिन का वक्त लगता है. यदि दफ्तर के किसी कर्मचारी के विवरण में जरा सी गलती होती है तो उसे सुधारने में भी काफी समय लगता है.