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मध्य प्रदेश : ABVP कार्यकर्ताओं से परेशान हो प्रोफेसर ने पकड़े पैर और मांगी माफी, देखें वीडियो

घटना एमपी के मंदसौर स्थित राजीव गांधी पीजी कॉलेज की है जहां कॉलेज के प्रोफेसर ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को कॉलेज परिसर में नारे लगाने से रोका. इसके विरोध में कार्यकर्ता प्रो. पर आरोप लगाने लगे कि उन्होंने उन्हें भारत माता की जय नारे लगाने से रोक दिया.

Updated on: 28 Sep 2018, 01:11 PM

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के मंदसौर में छात्रों द्वारा शिक्षक को अपमानित करने की घटना सामने आई है. हालांकि शिक्षक ने छात्रों को सुधारने के लिए गांधीगिरी का रास्ता अपना लिया और छात्रों द्वारा की गई गलती पर खुद झुक कर माफी मांगी और उनका पैर छूने लगे. घटना एमपी के मंदसौर स्थित राजीव गांधी पीजी कॉलेज की है जहां कॉलेज के प्रोफेसर ने एबीवीपी छात्र कार्यकर्ताओं को कॉलेज परिसर में नारे लगाने से रोका. इसके विरोध में कार्यकर्ता प्रो. पर आरोप लगाने लगे कि उन्होंने उन्हें 'भारत माता की जय' नारे लगाने से रोक दिया.

दरअसल, कॉलेज परिसर में एबीवीपी के कार्यकर्ता ज्ञापन देने पहुंचे थे. इसी दौरान कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे और आरोप है कि उन्होंने गुंडागर्दी भी की. इसी दौरान कार्यकर्ता क्‍लास रूम के सामने नारे लगाने लगे तो प्रोफेसर दिनेश गुप्‍ता अपने रूम से बाहर निकले और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोकने लगे लेकिन वह नहीं माने. इतना ही नहीं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उन्‍हें राष्‍ट्रद्रोही करार देते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की धमकी तक दे डाली. इतना ही नहीं छात्रों ने प्रो. को उनसे माफी मांगने के लिए भी कहा.

इसके बाद प्रो. ने छात्रों को सबक सिखाने के लिए उनसे खुद झुक कर माफी मांगी और पैर भी छुए. प्रो. को ऐसा करते देख छात्र वहां से भागने लगे. प्रो ने छात्रों का पीछा नहीं छोड़ा और उनके पैर छूते हुए कार्यकर्ता को कॉलेज गेट तक ले गए.

इस घटना क्रम पर कॉलेज के प्रिंसिपल रविंद्र सोनी ने कॉलेज परिसर में हुई इस घटना में एबीवीपी छात्र कार्यकर्ताओं से नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रोफेसर दिनेश की कोई गलती नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, 'छात्र कार्यकर्ता प्रो. पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने उन्हें भारत माता की जय नारे लागने से रोका. पर ऐसा नहीं है, प्रो. ने कार्यकर्ताओं को कॉलेज परिसर में नारेबाजी करने से रोका था. जैसा छात्र आरोप लगा रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं हुआ था. वहीं कार्यकर्ताओं ने प्रो. को उनसे माफी मांगने के लिए भी कहा था.'