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MP: अवैध कॉलोनियों को वैध करने वाला आदेश हाइकोर्ट ने रद्द किया, 4000 आवासीय कॉलोनियां संकट में

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा पूर्ववर्ती सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने संबंधी आदेश को अमान्य किए जाने पर लगभग 4,000 हजार कॉलोनियों पर संकट गहरा गया है.

Updated on: 04 Jun 2019, 02:37 PM

highlights

  • शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध किया था
  • हाई कोर्ट ने 15 ए को शून्य करार दिया

ग्वालियर:

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा पूर्ववर्ती सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने संबंधी आदेश को अमान्य किए जाने पर लगभग 4,000 हजार कॉलोनियों पर संकट गहरा गया है. उच्च न्यायालय के इस फैसले से लगभग चार लाख निवासियों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है.

राज्य की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने राज्य की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया अपनाई थी. इसके लिए सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले नगर पालिका निगम कॉलोनाइजर रजिस्ट्रीकरण, निबर्ंधन एवं शर्त नियम 1998 के तहत धारा 15ए को अस्तित्व में लाया गया था. इसके खिलाफ ग्वालियर के अधिवक्ता उमेश बोहरे ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ में याचिका दायर की थी.

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बोहरे के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय यादव व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने 25 अप्रैल को सुरक्षित रखा था, जिसे सोमवार को जारी किया गया. इस फैसले में राज्य सरकार द्वारा धारा 15ए को शून्य कर दिया है, जिससे वैध घोषित की गई आवासीय कॉलोनियां अवैध हो गई हैं.

बताया गया है कि उच्च न्यायालय के इस फैसले से राज्य की 4,000 कॉलोनियों पर संकट गहरा गया है. इन कॉलोनियों में बड़ी संख्या में मकान बन चुके हैं और रहवासी रहने लगे हैं. इसके अलावा कई कॉलोनियां विकसित हो रही हैं. उच्च न्यायालय के इस फैसले से पांच लाख से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने की आशंका है.

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उच्च न्यायालय के फैसले से उन आवासीय कॉलोनियों के निवासी परेशान हैं, जिन्हें अवैध से वैध किया गया था. सभी मांग कर रहे हैं कि सरकार इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाए.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर उच्च न्यायालय के फैसले का सरकार अध्ययन करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है. इसके लिए सरकार ने मंथन भी शुरू कर दिया है.

उच्च न्यायालय खंडपीठ की युगलपीठ ने कहा है कि नगर निगम आयुक्त चाहें तो नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292 की प्रक्रिया के तहत अवैध कॉलोनी को वैध कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि इस धारा के तहत अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया काफी जटिल है.