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धार में मॉब लिंचिंग पर DGP बोले- वीडियो बनाने वालों को भी घटना रोकनी चाहिए थी

धार (Dhar) जिले के मनावर क्षेत्र में अपनी रकम वसूल करने आये सात लोगों पर ग्रामीणों ने बुधवार को पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया था.

Updated on: 06 Feb 2020, 01:44 PM

इंदौर:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले में बच्चा चोरी की अफवाह पर भीड़ हिंसा की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विजय कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में हालांकि पुलिस अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, लेकिन इस वाकये को रोकने के प्रयास मौके पर मौजूद उन लोगों को भी करने चाहिये थे जो इसका वीडियो बना रहे थे. धार (Dhar) जिले के मनावर क्षेत्र में अपनी रकम वसूल करने आये सात लोगों पर ग्रामीणों ने बुधवार को पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया था. इस हमले में 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे.

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घटना में हताहत लोगों के खिलाफ अफवाह फैलायी गयी थी कि वे बच्चा चुराने आये हैं. भीड़ हिंसा की इस घटना को रोकने में पुलिस की नाकामी के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी विजय कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'यह घटना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस इस मामले में जो भी कदम उठा सकती है, जरूर उठायेगी, लेकिन हमें समाज की मानसिकता पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.' डीजीपी ने कहा कि भीड़ हिंसा में शामिल लोगों को काबू करने के प्रयासों में मौके पर मौजूद वे व्यक्ति भी शामिल होने चाहिये थे, जो घटना को रोकने के बजाय अपने मोबाइल कैमरों से इसका वीडियो बना रहे थे.

उन्होंने कहा कि पुलिस (भीड़ हिंसा की घटना में) हालांकि अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, लेकिन पुलिस की अपनी सीमाएं हैं. डीजीपी ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अफवाहों के आधार पर किसी भी हिंसात्मक गतिविधि के अंग न बनें. डीजीपी ने यह भी बताया कि मनावर क्षेत्र की हिंसक भीड़ में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही, एक थाना प्रभारी, एक उप निरीक्षक और तीन-चार अन्य पुलिस कर्मियों को निलंबित किया है. कर्तव्य में लापरवाही की पुष्टि होने पर क्षेत्र के अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

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संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सूबे के अलग-अलग स्थानों पर पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि इन विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जल्द रुक जायेगा.' सूबे में माफियाओं के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में रसूखदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किये जाने के आरोपों को डीजीपी ने खारिज किया. उन्होंने कहा, 'अवैध गतिविधियों में शामिल रसूखदारों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की गयी है.' उन्होंने कहा कि माफियाओं की मदद के आरोपों की पुष्टि होने पर संबंधित सरकारी कारिंदों के खिलाफ भी उचित कानूनी कदम उठाये जाएंगे.

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