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PM आवास योजना में बड़ा घोटाला, हितग्राहियों के खाते से निकले पैसे, नहीं मिला आवास

बेघर गरीबों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई थी.

Updated on: 01 Sep 2019, 04:59 PM

highlights

  • PM आवास योजना में हितग्राही के साथ धोखा
  • ठेकेदारों ने खाया पीएम आवास का पैसा
  • न्याय की दर-दर भटक रहीं गरीब महिलाएं
  • आवासों की धनराशि निकाली गई,नहीं मिले आवास 
  • प्रति आवास हितग्राहियों से लिऐ 2.5 लाख 

नई दिल्‍ली:

मध्य प्रदेश के टीकम गढ़ शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है. टीकमगढ़ में इस योजना के हितग्राही यहां  की नगरपालिका के जन प्रतिनिधि और उनके गुर्गों के फरेब का शिकार हो कर आवास के लिए मिली धनराशि भी गवां बैठे और उन्हें आवासों के नाम पर मिले टूटे फूटे और अधूरे आवास. आपको बता दें कि बेघर गरीबों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई थी. इस योजना का मकसद था कि जो भी परिवार अभी तक अपने स्वयं के घर से मरहूम है उन्हें खुद का आशियाना मिले. पीएम मोदी की इस योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आये और प्रधानमंत्री जी ने इस योजना की दम पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सीना ठोक कर कहा की वर्ष 2022 तक देश के हर बेघर व्यक्ति के पास खुद का मकान होगा जिस पर हर बेघर लोगों ने मोदी जी की बातो पर भरोसा किया और देश में एकबार फिर मोदी सरकार बनी. 

बुंदेलखंड अंचल के सबसे पिछड़े जिलो में शुमार टीकमगढ़ जिला जहां गरीबों मजदूरों की संख्या अन्य जिलों के मुकाबले ज्यादा है जिनमे से अधिकांश के खुद के मकान नहीं हैं ऐसे गरीब परिवारों का जब पीएम आवास योजना में चयन हुआ था तो इनके सपनो को पंख लग गए इन गरीबों ने सोचा कि अब उनके खुद के पक्के मकान होंगे और वो भी इज्ज़त की जिंदगी गुजारेंगे, लेकिन इनके यह सपने अब धराशायी हो गए. दरअसल जब इन हितग्रहियों के आवास मंजूर हुए तभी से नगर पलिका अध्यक्ष और  ठेकेदारों की गिद्ध दृष्टि इन पर लग गयी. इन गरीबो को नगरपालिका अध्यक्ष ने सपने दिखाए की अगर अच्छा मकान चाहते हो तो इन ठेकेदारों को पैसा दे दो फिर क्या था आवास मिलने की खुशी में इन हितग्रहियों से धीरे धीरे आवास का सारा पैसा ठेकेदारों ने हड़प लिया लेकिन जब आवास बनवाने और पूर्ण करने की बात आयी तो हाथ खड़े कर दिये.

टीकमगढ नगर पलिका क्षेत्र के वार्ड नम्बर 10 की कृषि मन्डी के पीछे बीडी कालोनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहले चरण में 270 हितग्राही के मकान बाने के लिऐ राशि स्वीकृत हुई और ठेकेदार द्रारा हितग्राही से अदद घर देन के बदले में आवास योजना की सभी किस्तें ले ली गयीं. जब हितग्राहियों को घर मिले तो वह अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है और पाए गए घर गुणवत्ता पूर्ण नहीं होने एवं अधूरे घर मिलने की शिकायत नगर पलिका सीएम ओ से लेकर कलेक्टर के साथ आला अधिकारियों से शिकायत की है.


हितग्राहियों में से एक ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि 'साहब हम लोगों से रुपया पूरा ले लिया गया और मकान अधूरे दे दिए गए. साहब बारिश का पानी पक्की छत होने के बाद भी घर के अन्दर बरसात की तरह टपक रहा है साथ ही साथ छत का मसाला भी पानी के साथ ही टपक रहा है.' लेकिन नगर पलिका सी एम ओ से लेकर  सभी अधिकारी  अपना पल्ला झाड़ते हुए कह रहे है की पैसा तुमारे खाते भेजा था तुमने मकान क्यों  नहीं बनाया. वहीं कुछ महिला हितग्राहियों ने बताया कि 'साहब बैंक में खड़े होकर जबरजस्ती अंगूठा लगवा कर रुपये ले लिए हैं. हमें धमकी देते हुए कहा कि अगर नहीं लगाओगी तो आवास किसी और के नाम एलाट कर दिए जाएंगे.' 

आपको बता दें कि इन हितग्राहियों के लिए मकान बनाने की पूरी जिम्मेदारी  नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राकेश गिरि वर्तमान बीजेपी के टीकमगढ से विधायक है एवं उनकी पत्नी  नगरपलिका अध्यक्ष हैं इन्हीं लोगों ने नगर पलिका के पार्षदों और  इंजिनियर्स ने मिल कर घर बनाये है. जशोदा यादव ने बताया कि 2 लाख 50 हजार में से 2 लाख 25 हजार रुपये मिल गये और नगर पलिका के चेयरमैन ने ठेकेदार पवन चतुर्वेदी को दिला दिये. पूरे मकान से पानी टपक रहा है. मकान अधूरा पड़ा है दरवाजे खिड़कियां भी नहीं लगे हैं पानी टपकने से पंखे भी जल चुके है. जन सुनाई से लेकर ऑनलाईन सी एम  से भी शिकायत की है लेकिन कोई नहीं सुन रहा है. ये सारे  मकान नगर पलिका के चैयरमैन ने बनवाये हैं.

आपको बता दें कि वैसे तो पूरे देश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की विचार धारा अलग अलग होती है और दोनों पार्टियां भी एक दूसरे का विरोध करेंगे, लेकिन मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ शहर में दोनों के पार्षद गरीब हितग्राहियों के घर बनाने और उनके बैंक खातों से रुपये निकलवाकर बंदरबांट करने में साथ-साथ हैं वहीं कलेक्टर टीकमगढ सौरभ कुमार सुमन का कहना है की मामले शिकायत आई है जांच करवाई जाएगी.