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मंडला के कलेक्टर ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कही ये बड़ी बात, राज्यपाल से हुई शिकायत

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंडला जिले के कलेक्टर जगदीश प्रसाद जटिया (Jagdish Prasad Katari) द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act-CAA) (सीएए) के खिलाफ कथित तौर पर की गई टिप्पणी ने तूल पकड़ लिया है

Updated on: 14 Jan 2020, 09:08 AM

highlights

  • मंडला जिले के कलेक्टर जगदीश प्रसाद जटिया द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिया बड़ा बयान.
  • पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके इस बयान की शिकायत गवर्नर से की है. 
  • मंडला के कलेक्टर जड़िया ने फेसबुक पर सीएए केा लेकर टिप्पणी की थी.

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंडला जिले के कलेक्टर जगदीश प्रसाद जटिया (Jagdish Prasad Katari) द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act-CAA) (सीएए) के खिलाफ कथित तौर पर की गई टिप्पणी ने तूल पकड़ लिया है. BJP (Bhartiya Janta Party) ने जटिया पर सेवा शर्तो के उल्लंघन का आरोप लगाया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan, Former CM ने राज्यपाल लालजी टंडन (Governor Lal ji Tandan) से शिकायत की है . मंडला के कलेक्टर जड़िया ने फेसबुक पर सीएए केा लेकर टिप्पणी की थी.

इस पर BJP के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, सांसद वी.डी. शर्मा ने इस टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज कराई. साथ ही कहा कि कलेक्टर जड़िया ने सेवा सेवा शर्तो का उल्लंघन किया. जो कानून बन चुका है, उसका कलेक्टर द्वारा विरोध किया जाना गलत है.

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पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार की रात को राज्यपाल को एक पत्र लिखकर बताया है कि कलेक्टर ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, "मैं खुद सीएए, एनआरसी का सपोर्ट नहीं करता." चौहान का कहना है कि यह टिप्पणी अक्षम्य और दंड योग्य है. इसे संज्ञान में लेते हुए प्रशासनिक कार्रवाई के लिए सरकार को निर्देश दिए जाएं.

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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद से ही कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. कांग्रेस ने इसके खिलाफ कई रैलियों का भी आयोजन किया. जबकि राजधानी दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन भी हुए और कई जगहों पर ये विरोध प्रदर्शन उग्र भी हो गए. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसके खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला हुआ है. सीएम ममता बनर्जी सीएए या नागरिकता संशोधन कानून के वापस लिए जाने की मांग कर रही है. वहीं बीजेपी बता रही है कि ये कानून नागरिकता देने का है ना कि नागरिकता छीनने का. बीजेपी का विपक्षी पार्टियों पर आरोप है कि विपक्ष लोगों को सीएए पर गुमराह कर रहा है.