मध्य प्रदेश के वॉटर फाल्स देखने का ये सही समय, यहां जा सकते हैं घूमने
पन्ना शहर से लगा हुआ कुंड वाटर फॉल इस समय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
highlights
- जहां एक तरफ मध्य प्रदेश में बाढ़ और बारिश का कहर है.
- वहीं दूसरी और इसी बारिश से इसकी सुंदरता भी बढ़ती है.
- पन्ना शहर से लगा हुआ कुंड वाटर फॉल देखने के लिए दूर दूर से आते हैं सैलानी.
भोपाल:
वैसे तो मध्य प्रदेश एक खूबसूरत राज्य है लेकिन अभी बारिश होने के कारण इसकी सुंदरता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. एक तरफ तो मध्य प्रदेश में बारिश और बाढ़ से लोग परेशान हैं लेकिन दूसरी तरफ इसका एक फायदा यह मिला है कि बारिश से जंगल हरे भरे हो गए हैं. मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व भी बारिश के कारण खूबसूरत हो गया है. जिसकी वजह से यहां पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ गई है.
यहां के वाटर फॉल्स में पानी बढ़ जाने से इसकी सुंदरता काफी बढ़ गई है. पन्ना शहर से लगा हुआ कुंड वाटर फॉल इस समय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बरसात के समय ही मध्य प्रदेश के कई वाटर फॉल्स को देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से आते हैं.
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भेड़ाघाट का नजारा इसी वक्त देखने लायक होता है. भेड़ाघाट जबलपुर जिले में स्थित एक पर्यटन स्थल है जो कि संगमरमर के पथ्थरों की चट्टानों के लिए जाना जाता है.
इसी के साथ धुंआधार वाटर फॉल भी इस वक्त देखने लायक होता है. क्योंकि पानी गिरने से इस जगह धुएं जैसा दृश्य देखने को मिलता है इसीलिए इसे धुआंधार वाटरफॉल कहा जाता है.
गुबरा, तेलनघाटी पहाड़ी: यहां 200 जबेरा में रानीदुर्गावती सिंगौरगढ़ अभयारण्य का प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। जहां निदान वाटरफॉल, नजारा व्यू पॉइंट, गिरी दर्शन अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश भर के पर्यटकों को बारह माह आकर्षित करते हैं, लेकिन इन पर्यटन स्थलों से हटकर अनेकों जल प्रपात ऐसे जो बारिश के समय खिल उठते हैं। जिनमें भैंसाघाट पहाड़ी, गुबरा पहाड़ी एवं तेलनघाटी पहाड़ी से 200 फीट ऊंचाई से गिरते जल का सौंदर्य देखते ही बनता है। यहां इन दिनों आसपास के लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर प्रकृति का आनंद उठा रहे हैं।
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इसके अलावा और भी कई ऐसे जगह हैं जहां पर इसी मौसम में जाना सही रहता है, खासकर उनके लिए जो प्रकृति प्रेमी हैं. इनमें कान्हा टाइगर रिजर्व, मैहर देवी टैंपल, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, सतपुड़ा राष्ट्रीय अभयारण्य है.
हटा नगर से पांच किमी दूर हारट के पास सुनार नदी पर एक जल प्रपात है जिसे लोग मिनी भेड़ाघाट और भदभदा के नाम से पहचानते हैं। यहां गर्मी के कुछ दिन ही छोड़कर शेष समय लगातार लगभग बीस फीट ऊपर से पानी गिरता है। अभी बारिश के मौसम में पानी धुआं जैसा गिरता नजर आ रहा है। वहीं दमोह जिले की अंतिम सीमा से लगे सिलापरी के पहाड़ों से एक प्राकृतिक झरना लगभग 50 फीट ऊपर से गिरता है। झरने के दोनों तरफ घने जंगल का नजारा देखते ही बनता है।
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