logo-image

MP में एक अनोखा परिवार जिसके हर सदस्य के हाथ-पैर में हैं 6 उंगलियां

आम तोर पर आपने किसी शख्स के हाथ में 5 की जगह 6 उंगलियां देखी होंगी. मगर आज हम आपको कुछ विचित्र लेकिन सत्य बता रहे हैं.

Updated on: 21 Sep 2019, 01:40 PM

बैतूल:

आम तोर पर आपने किसी शख्स के हाथ में 5 की जगह 6 उंगलियां देखी होंगी. मगर आज हम आपको कुछ विचित्र लेकिन सत्य बता रहे हैं. दरअसल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के एक गांव में एक परिवार ऐसा है जिनके हाथ पैर में कुल 24 उंगलियां हैं. इस दुनिया में कई ऐसे रहस्य है जिससे की आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है. कई ऐसी विचित्र चीजें हैं जिसे देखकर आपको हैरानी होती है. आज कुछ ऐसी है हैरान कर देने वाली कहानी आपको दिखाते है.

यह भी पढ़ें- महाराष्‍ट्र और हरियाणा में 21 अक्‍टूबर को होंगे चुनाव और 24 को होगी काउंटिंग

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के पास एक गांव है. जहां एक परिवार के सदस्यों के कई पीढ़ियों से हाथ पैर की उंगलियां एक सामान्य इंसान से कहीं ज़्यादा हैं. जिसके कारण इस परिवार के लड़के न तो दौड़ सकते हैं और न ही उनके साइज का जूता मिलता है. स्कूल में भी दोस्त चिढ़ाते थे इसके कारण बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया.

यह भी पढ़ें- नीतीश अभी महागठबंधन में नहीं आए लेकिन RJD में दो फाड़ हो गए हैं, जानिए कैसे

बच्चों के पिता एक स्कूल बस चलाते है. इनके पैरों का अंगूठा और ऊँगली चिपकी हुई है. जिसके कारण इन्हे गाड़ी चलाने में और दौड़ने में भी काफी समस्या होती है. उनका कहना है कि उन्हें जूता पहनने में बहुत दिक्कत आती है. बच्चों के दादा का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई भी समस्या नहीं थी. लेकिन उनकी पत्नी को ये समस्या थी. जिसके बाद अब यह सिसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन से यह समस्या ठीक हो सकती है. लेकिन हमारे पास पैसे नहीं हैं. सरकार मदद करे तो शायद कुछ हो सके.

यह भी पढ़ें- RJD विधायक की भतीजी का बॉयफ्रेंड के साथ मिला शव, गोली मारकर की गई दोनों की हत्या

हाथ पैर में ज्यादा उंगलियां होने के कारण से इस परिवार को हमेशा से परेशानी का सामना करना पड़ा है. इन बच्चों की मां का कहना है कि मेरे पति को यह समस्या थी. लेकिन मुझे कोई कोई फर्क नहीं पड़ा. लेकिन अब इस समस्या की वजह से बच्चों की शादी नहीं हो रही है. कोई भी लड़की शादी के लिए हां नहीं कहती है.

स्कूल छूट गया

अपनी शारीरिक परेशानी के कारण इन युवाओं को समस्या हुई. बच्चे चिढ़ाते थे. साथ ही यह बात भी इन्होंने कहा कि पैरों में जूता न आने के कारण स्कूल वालों ने स्कूल में दाखिला नहीं दिया. जब इस मामले में स्कूल प्रबंधन से बातचीत की गई तो कहानी अलग ही निकली. स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि प्रबंधन ने कभी भी उन्हें जूते के लिए नहीं टोका. उन्होंने खुद ही स्कूल छोड़ दिया. अगर वो आज चाहें तो स्कूल ज्वाइन कर सकते हैं.