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5 बीवियों का खर्च उठा न सका, बन गया ठग

गैंग के सरगना का नाम दिलशाद खान बताया जा रहा है, साथ ही उसके एक अन्य साथी आलोक कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है.

Updated on: 17 Oct 2019, 11:19 AM

highlights

  • मध्य प्रदेश एसटीएफ ने जॉब के नाम पर ठगी करने वालों का किया पर्दाफाश. 
  • इस गिरोह ने एम्स (AIIMS) में नौकरी का झांसा देकर 50 महिलाओं से पैसे लिए और लेकर भाग निकले.
  • मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच STF को सौंपी गई थी.

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) एसटीएफ (Special Task Force) ने नौकरी (Job) का झांसा देकर महिलाओं को चूना लगाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह ने एम्स (AIIMS) में नौकरी का झांसा देकर 50 महिलाओं से पैसे लिए और लेकर भाग निकले. भोपाल पुलिस (Bhopal Police) को जब ये शिकायत मिली थी कि कुछ लोग एम्स में नर्स की नौकरी दिलाने का वादा करके महिलाओं को चूना लगा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच STF को सौंपी गई थी. एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए इस गैंग के सरगना को धर दबोचा.

गैंग के सरगना का नाम दिलशाद खान बताया जा रहा है, साथ ही उसके एक अन्य साथी आलोक कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ने नर्सिंग के विद्यार्थियों को भरोसा दिलाने के लिए न सिर्फ फर्जी चयन सूची बनाई थी,बल्कि चंडीगढ़, दिल्ली और भोपाल एम्स में भर्ती के नियुक्त पत्र भी बनाए थे.

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SP STF राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि लगभग एक हफ्ते पहले नर्सिंग की चार छात्राओं ने लिखित शिकायत की थी। उसमें बताया कि नर्सिंग का कोर्स पूरा करने के बाद वे बेहतर नौकरी की तलाश कर रही थीं। इसी दौरान उनसे कुछ लोगों ने संपर्क किया और एम्स में नौकरी दिलाने की बात की. इस नौकरी के बदले में 4 से 6 लाख रुपये की डिमांड भी की गई थी. रुपए देने के बाद नौकरी की बात करने पर उन्हें एम्स की चयन सूची दिखाई गई। उसमें उनका बकायदा नाम था। तय रकम हासिल करने के बाद आरोपितों ने उन्हें एम्स में भर्ती का ऑफर लेटर दे दिया. इसके बाद जब नौकरी पर ज्वाइन करने पहुंची तब जाकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

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एसपी भदौरिया ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपितों के बंद हो चुके मोबाइल फोन की पुरानी कॉल डिटेल के आधार पर धर दबोचा. आरोपितों की पूर्व में हुई लोगों से बातचीत के आधार पर उनके संभावित ठिकानों पर निगरानी की गई। इसके बाद बुधवार को गिरोह के सरगना जबलपुर निवासी दिलशाद खान और उसके साथी भोपाल निवासी आलोक कुमार बामने को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि इस फर्जी नौकरी का काम करके गिरोह ने करीब 50 लोगों को चूना लगाया और करीब 2 करोड़ रुपये ऐठ लिए थे.

गिरोह के सरगना की है गजब कहानी

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एसपी के मुताबिक पूछताछ में पता चला है कि गिरोह सरगना दिलशाद खान की पांच बीवीयां हैं. बीवियों के महंगे शौक को पूरा करने के लिए ही उसने ऐसा काम करने लगा था. यह भी पता चला कि दिलशाद की चौथी पत्नी का जबलपुर में निजी अस्पताल है। जानकारी के मुताबिक, दिलशाद के साथी आलोक बामने की पत्नी भोपाल के पटेल नगर स्थित शासकीय कन्या छात्रावास में अधीक्षिका है। एसटीएफ इस मामले में आलोक बामने की पत्नी की भूमिका की भी जांच करेगी.