logo-image

कमलनाथ सरकार ने बनाई बांस के जंगलों को संरक्षित करने की योजना, खर्च होंगे 1365 करोड़ रुपए

वन और ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त रुप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत प्रदेश में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का सुधार और संरक्षण करेंगे.

Updated on: 01 Jan 2020, 11:55 AM

Bhopal:

मध्य प्रदेश सरकार ने वनवासियों की आजीविका को सुरक्षित आर्थिक आधार देने के लिए बिगड़े बांस वनों के सुधार एवं संरक्षण की योजना बनाई है. वन और ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त रुप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत प्रदेश में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का सुधार और संरक्षण करेंगे. इस पर लगभग 1365 करोड़ खर्च किए जाएंगे. योजना से शुरू के 4 सालों में लगभग डेढ़ हजार वनवासी परिवार लाभान्वित होंगे.

योजना में पांचवें साल से बांस क्षेत्रों में बांट दिया जाएगा. विदोहन से प्राप्त बांस संयुक्त वन समिति के हितग्राहियों को दिया जाएगा. इसी प्रकार पूर्व से बांस वनों से आच्छादित रहे क्षेत्रों के 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में भी बांस रोपण किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- बुंदेलखंड तालाबों की हद तय करने की कवायद जारी है, कराई जा रही वीडियोग्राफी

संयुक्त वन समितियों को दिए जाएंगे वन क्षेत्र

बास रोपण के 8वें साल में बांस के क्षेत्र बांटे दिए जाएंगे. इसे संयुक्त वन समिति के हितग्राहियों को दिया जाएगा. वनवासी समुदाय की आजीविका में वन उत्पादों का महत्वपूर्ण स्थान है. वनों के संरक्षण से न केवल उत्पादों की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि अच्छा वन आवरण, भू-जल और कृषि आधारित आजीविकाओं को भी बेहतर किया जा सकेगा. प्रदेश में 94 हजार 689 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है, जो प्रदेश का 30.72 प्रतिशत भू-भाग है. वन प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश में 15 हजार 608 संयुक्त वन प्रबंधन समितियां गठित हैं.