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अक्षम कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में कमलनाथ सरकार, एक महीने में मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विभागों को निर्देश देते हुए कहा है कि शासकीय कार्यों के क्रियान्वयन में बेहतर दक्षता आवश्यक है.

Updated on: 06 Jul 2019, 09:51 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तर्ज पर अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी अक्षम कर्मचारियों को बड़ा फैसला लेने जा रही है. कमलनाथ सरकार काम करने में असफल रहने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने की तैयारी में है. सभी विभागों को कामकाज दुरुस्त करने के लिए एक महीने का अल्टीमेटम दिया गया है और अफसरों को अक्षम कर्मचारियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं.

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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विभागों को निर्देश देते हुए कहा है कि शासकीय कार्यों के क्रियान्वयन में बेहतर दक्षता आवश्यक है. जिससे जनता के काम समय पर हो. इसलिये यह अति आवश्यक है कि ऐसे अधिकारियों को हटाया जाए जो अक्षम है अथवा अक्षमता के साथ कार्य करते हैं.

इसके लिए 20 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की उम्र पूरा करने वाले अधिकारी की समीक्षा करने के प्रावधान है. इन प्रावधानों के तहत प्रत्येक विभाग अपने अधिकारियों की समीक्षा अगले 30 दिवस में पूरा करें और जिन्हें अयोग्य पाया जाता है उनकी सेवायें समाप्त करने का निर्णय लें. मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया की सघन मॉनिटरिंग करने और 30 दिवस के अंदर परिणामों से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं.

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गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने ढीले-ढाले अफसरों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए 600 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इनमें 200 अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें पिछले दो साल में जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया. उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया था कि सरकार ने 200 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन वीआरएस दिया है, जबकि 400 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को दंड दिया गया है.

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