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मध्य प्रदेश : कोरोना के खिलाफ जंग में स्वास्थय विभाग से आई अच्छी खबर

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एम्स-भोपाल के डायरेक्टर, मेडिसिन विभाग के प्रमुख तथा कोविड-19 के स्टेट टेक्निकल एडवाइजर से चर्चा कर कोरोना वायरस की स्थिति एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी ली.

Updated on: 06 Apr 2020, 07:42 AM

Bhopal:

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच चिकित्सा जगत से अच्छी खबर आई है. एम्स के निदेशक प्रो. सरमन सिंह का दावा है कि भोपाल में कम्युनिटी स्प्रेड जैसी स्थिति नहीं है. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एम्स-भोपाल के डायरेक्टर, मेडिसिन विभाग के प्रमुख तथा कोविड-19 के स्टेट टेक्निकल एडवाइजर से चर्चा कर कोरोना वायरस की स्थिति एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी ली.

वीडियो कान्फेंसिग के जरिए हुई चर्चा में एम्स के निदेशक प्रो़ सरमन सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि भोपाल के सभी मरीजों की हालत अच्छी है. भोपाल में कम्युनिटी स्प्रेड जैसी कोई स्थिति नहीं है. एम्स के चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष रजनीश जोशी तथा स्टेट टेकि्नकल एडवाइजर कोविड-19 लोकेंद्र दवे ने मुख्यमंत्री को इलाज की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी.

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एम्स के निदेशक प्रो़ सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना के इलाज की ²ष्टि से भोपाल में चिरायु, हमीदिया, जे.के.़, एम्स एवं जेपी अस्पतालों को क्षेत्रवार पूल किया जा रहा है. इससे आवश्यकता पड़ने पर उस अस्पताल के क्षेत्र के मरीजों को वहीं चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी. ऐसे प्रबंध किए जा रहे हैं, जिससे आवश्यकता होने पर जिस अस्पताल में इलाज हो रहा हो, वहीं मरीज के लिए आईसीयू की व्यवस्था हो सके.

मुख्यमंत्री ने मेडिकल टीम को निर्देश दिए कि कोरोना के जितने भी सैंपल लिए जा रहे हैं, उनका ट्रैक रिकार्ड रखा जाए. एम्स में भर्ती दो मरीजों (एक पुलिसकर्मी सहित) के साथ-साथ सभी मरीजों का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हों. दिन-रात दूसरों की जान बचाने के कार्य में लगे कोरोना योद्धाओं का पूरा ध्यान रखना है. हर हालत में कोरोना को हराना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन में रखे गए व्यक्तियों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए. डॉ. रजनीश जोशी ने मुख्यमंत्री को बताया कि हल्का बुखार होने पर या शुरुआती लक्षण के दौरान पैरासिटामोल, विटामिन-सी, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन आदि दवाइयां चिकित्सक की सलाह पर ली जा सकती हैं.