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मध्य प्रदेश में आदिवासियों की कर्जमाफी को मंजूरी, बगैर लाइसेंस साहूकारी करने पर होगी 3 साल की जेल

मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासियों को साहूकारों के कर्ज के बोझ से बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है.

Updated on: 19 Aug 2019, 05:50 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासियों को साहूकारों के कर्ज के बोझ से बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. सोमवार को भोपाल में हुई कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जनजाति साहूकार विधेयक के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके तहत मध्य प्रदेश में बगैर लाइसेंस साहूकारी करने पर तीन साल की सजा होगी. साहूकार विधेयक में 6 महीने की सजा को 3 साल किया गया है. इसके अलावा 15 अगस्त 2019 तक आदिवासियों द्वारा गैर लाइसेंसी साहूकारों से किया गया, अब शून्य होगा.

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कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि जिन आदिवासी परिवारों ने साहूकारों से कर्जा लिया है, वो माफ होगा. 15 अगस्त 2019 तक गैर लाइसेंसी साहूकारों ने जो भी कर्ज इन आदिवासियों को दिया, वो शून्य होगा. पीसी शर्मा ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 में नई धारा जोड़ते हुए यह फैसला किया है. फिलहाल यह लाभ अनुसूचित क्षेत्रों यानि 89 आदिवासी विकासखंड को मिलेगा.

उन्होंने कहा कि बगैर लाइसेंस वाले साहूकारों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के लोगों को दिया गया कर्ज शून्य होगा. अब यह साहूकार इस कर्ज की वसूली नहीं कर पाएंगे. मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती या दबाव बनाने वालों पर पुलिस कार्रवाई की जाएगी. उनको 3 साल जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी और एक लाख रुपये तक जुर्माना भी लगेगा. इसके अलावा जो लाइसेंसधारी साहूकार हैं, वो अपनी मर्जी से ब्याज दर तय नहीं कर पाएंगे. अब सिर्फ सरकार ब्याज की दर तय करेगी.

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उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों को सौगात के तौर पर साहूकारों से लिए गए उनके कर्ज माफ करने की घोषणा की थी.. साथ ही उन्होंने इस वर्ग के लोगों को डेबिट कार्ड देने का वादा किया था, जिसके जरिए कार्डधारी 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि साहूकारों का आदिवासी विकासखंडों के आदिवासियों पर 15 अगस्त तक के जो कर्ज हैं, अब उसे लौटाना नहीं पड़ेगा. वे कर्ज माफ किए जाएंगे. कमलनाथ ने एलान किया था कि अब जो भी व्यक्ति कर्ज देना चाहता है, उसे साहूकारी का लाइसेंस लेना होगा.

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