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भोपाल में 10 में से 9 दुकानों पर मिल रहा डिटर्जेंट वाला दूध, खाघ विभाग की कार्रवाई में हुआ खुलासा

राज्य खाद्य परीक्षण की लेबॉरेटरी में जिन सैंपल्स की जांच की गई उनमें से 10 नमूनों की रिपोर्ट जारी हुई है. इनमें से एक नमूना असुरक्षित, 8 मानक के अनुरूप नहीं और 1 नमूना मानक पर खरा उतरा. यानी कि 10 में से केवल 1 ही डेयरी ऐसी थी जो सही दूध बेच रही थी.

Updated on: 27 Aug 2019, 11:47 AM

highlights

  • मध्य प्रदेश के 10 में से 9 दुकानों पर मिल रहा है डिटर्जेंट मिला दूध. 
  • प्रशासन के नाक के नीचे मिलावटखोर कर रहे घपला. 
  • मामला सामने आते ही खाघ विभाग ने की ये बड़ी कार्रवाई.

भोपाल:

Detergent Mixed Milk in Bhopal: अगर आप मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में रहते हैं तो ये खबर आपको थोड़ी परेशान कर सकती है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मिलावटखोरों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस अभियान में ये पता चला है कि भोपाल के ज्यादातर डेयरियों में डिटर्जेंट मिला दूध बिक रहा है. राजधानी भोपाल (Bhopal) की राजसंस डेयरी में दूध में डिटर्जेंट मिलाए जाने का काम जारी है. राज्य खाद्य परीक्षण की लेबॉरेटरी में भेजे गए सैंपल की जांच में ये खुलासा हुआ है. इसके बाद खाद्य विभाग की शिकायत पर पुलिस ने कारोबारी ईश अरोरा पर FIR रजिस्टर कर ली है.

राजसंस डेयरी के दूध में इस कदर मिलावट थी कि इसे असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है. जांच की रिपोर्ट आते ही विभाग एक्टिव हो गया और सम्बंधित कोरोबारियों को नोटिस जारी कर दिया गया.

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खाद्य विभाग की टीम ने 25 जुलाई को जेके रोड स्थित राजसंस डेयरी प्रोडक्ट से दूध का नमूना लिया था. एक महीने के बाद जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अशोका गार्डन थाना पुलिस ने राजसंस डेरी प्रोडक्ट के मालिक ईश अरोड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जांच में दूध में डिटर्जेंट मिले होने की पुष्टि हुई है. लिहाजा इसे 'असुरक्षित' की श्रेणी में रख दिया गया है.
मध्य प्रदेश में मिलावट की खबरें पहली बार सामने नहीं आ रही हैं बल्कि इसके पहले भी कई बार राजधानी भोपाल में ऐसे डेयरियों का पता चल चुका है जो दूध में मिलावट करते हैं. राजधानी भोपाल भी इसकी चपेट में है. शासन-प्रशासन की नाक के नीचे मिलावटखोर बेख़ौफ सक्रिय हैं.

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राज्य खाद्य परीक्षण की लेबॉरेटरी में जिन सैंपल्स की जांच की गई उनमें से 10 नमूनों की रिपोर्ट जारी हुई है. इनमें से एक नमूना असुरक्षित, 8 मानक के अनुरूप नहीं और 1 नमूना मानक पर खरा उतरा. यानी कि 10 में से केवल 1 ही डेयरी ऐसी थी जो सही दूध बेच रही थी. इसके अलावा 9 में कहीं न कहीं मिलावट थी. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की अलग-अलग टीमों ने उन दुकानों से दोबारा आठ नमूने लिए, जहां पर पहले जांच रिपोर्ट में लिए गए नमूने फेल हो गए थे.
जिन आठ प्रतिष्ठानों के दूध के सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरे हैं, उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है. इनमें टिकटॉक रेस्टोरेंट (सिंगारचोली), क्वालिटी मिल्क डेयरी (नेहरू नगर), भोपाल रेलवे स्टेशन, सांवरिया डेयरी (इतवारा), नेशनल डेयरी, नूरमहल डेयरी और देसी डेयरी (चाणक्यपुरी) शामिल हैं.
इन प्रतिष्ठानों के मालिक को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 46 के तहत नोटिस जारी किया गया है. भोपाल के साथ पूरे मध्य प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका के तहत भी केस दर्ज किए जा रहे हैं.

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26 अगस्त तक भोपाल जिले में 411 नमूने इकठ्ठे किए थे. मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उनमें से 102 नमूनों की जांच की गई है. जांच में 37 नमूने फेल हो गए. इन 37 मामलों में सम्बंधित कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया है. आठ कारोबारियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में FIR दर्ज कराई गई और दो मावा कारोबारियों के खिलाफ रासुका में केस दर्ज किया गया.