logo-image

सीएम शिवराज सिंह ने हड़ताल ख़त्म करने की अपील की, बोले- मान ली गई है वाजिब मांगें

कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन पर पुलिस ने गोलियां चलाई। जिसमें तीन किसानों की मौत हो गई।

Updated on: 06 Jun 2017, 11:07 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश में किसानों पर पुलिस ने चलाई गोलियां दो की मौत
  • आंदोलन के बाद मंदसौर में इंटरनेट सेवाओं को किया गया बंद

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश में कर्ज माफी और फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों पर मंगलवार को मंदसौर में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं। राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने हालांकि पुलिस की ओर से गोली चलने की बात से इंकार किया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए मंदसौर शहर और पिपलिया मंडी क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। 

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा कि पुलिस की गोली में पांच किसानों की जान गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। मृतकों में बबलू पाटीदार, सरेंद्र पाटीदार, कन्हैया, अखिलेश (छात्र), और सत्यनारायण शामिल हैं। 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राज्य में किसान अपनी मांगों को लेकर मंगलवार सुबह से अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। नीमच-मंदसौर मार्ग पर स्थित पिपलिया मंडी में भी किसान सड़कों पर उतरे। किसानों ने सड़क से गुजरते ट्रकों से सब्जी और फलों को फेंकना शुरू कर दिया। कई वाहनों पर पथराव किया और तोड़फोड़ की। पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने किसानों को खदेड़ने की कोशिश की।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसानी शुरू की तो किसानों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने भी पत्थरों का इस्तेमाल किया। इसी दौरान पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी। सबसे पहले गोली बबलू पाटीदार को लगी, एक मोटर साइकिल सवार बबलू को अपनी मोटर साइकिल से लेकर मंदसौर जिला अस्पताल की ओर बढ़ा, उस पर भी पुलिस वालों ने लाठियां बरसाई। बबलू की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई।'

बबलू पाटीदार को अस्पताल लेकर पहुंचे व्यक्ति ने संवाददाताओं को बताया, 'बबलू के बाद सुरेंद्र पाटीदार और कन्हैया की अस्पताल में मौत हुई। कॉलेज के छात्र अखिलेश को गोली लगी।' 

आंदोलन से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि मंदसौर से इलाज के लिए इंदौर ले जाते वक्त छात्र अखिलेश व सत्यनारायण की मौत की भी मौत हो गई।

पुलिस गोलीबारी के बाद किसान और उग्र हो गए हैं और उन्होंने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है, मगर आक्रोषित लोग सड़कों पर हैं और उत्पात कर रहे हैं।

लाइव अपडेट्स

# किसान भाइयों से अपील करता हूँ कि वे धैर्य रखें। किसी के बहकावे में न आयें। सरकार आपके साथ खड़ी है। हम मिल-बैठकर हर समस्या का हल निकाल लेंगे।-सीएम शिवराज सिंह चौहान

# मंदसौर की आज की दुर्घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने घटना के न्यायिक जाँच के आदेश दिये हैं।-सीएम शिवराज सिंह चौहान

# काँग्रेस की मंशा शुरू से ही इस आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की रही। काँग्रेस ने आंदोलन को हिंसक बना दिया है।-सीएम शिवराज सिंह चौहान

किसान भाइयों की सभी वाजिब मांगें मान ली गई हैं एवं इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिये गये हैं।-सीएम शिवराज सिंह चौहान

# मेरी सरकार किसानों की सरकार है। हमारी सरकार ने सदैव किसानों के हित में आगे बढ़कर कार्य किये हैं।-सीएम शिवराज सिंह चौहान

# समाजवादी पार्टी ने मंदसौर में मारे गए किसानों के परिजनों को 2 लाख़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

मंदसौर घटना के मृतकों के परिजनों को रु. 10 लाख, गंभीर घायलों को 1 लाख सहायता राशि देंगे। घायलों के इलाज की ज़िम्मेदारी प्रदेश सरकार उठायेगी।-सीएम शिवराज सिंह चौहान

# सरकार इस मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील है और किसानों के साथ है लेकिन कांग्रेस मुद्दे को षडयंत्र के तहत भड़काने की कोशिश कर रही है। - सीएम शिवराज सिंह चौहान

# मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों पर हुई फायरिंग के बाद आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, उमाशंकर गुप्ता, यशोधरा, अर्चना चिटनिस, गौरीशंकर शेजवार और विश्वास सारंग शामिल हैं। 

# मोदी जी के न्यू इंडिया में हक मांगने पर अन्नदाताओं को गोली मिलती है

# मंदसौर : पुलिस फायरिंग में मरने वाले किसानों की संख्या बढ़कर पाँच हुई, पुलिस की गोली से घायल दो और किसानों ने दम तोड़ा

# पुलिस फायरिंग में 3 किसानों की मौत

# मध्य प्रदेश सरकार किसानों से कर रही है युद्ध: राहुल गांधी

# मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में फायरिंग को लेकर न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

# उत्तर प्रदेश, तेलंगना और आंध्रप्रदेश में की गयी किसानों की कर्ज माफ़ी वहां की राज्य सरकारों ने की है उसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है।- वेंकैया नायडू 

# महाराष्ट्र में भी किसानों की कर्ज माफ़ी के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।-वेंकैया नायडू 

# 31 अक्टूबर से पहले महारष्ट्र में किसनों के क़र्ज़ माफ़ किये जायेंगे, इस पर अभ्यास चल रहा है।-वेंकैया नायडू  

# ये कर्जमाफी अब तक की सबसे बड़ी क़र्ज़ माफ़ी होगी।- वेंकैया नायडू 

# मंदसौर में कर्फ्यू लगाया गया, बाहर से फोर्स मंगाया गया

# उज्जैन संभाग में इंटरनेट बंद किया गया

# मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, 'पुलिस द्वारा कोई फायरिंग नहीं हुई है। फायरिंग की जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार द्वारा न इंटरनेट बंद किया गया है और नहीं कोई कर्फ्यू लगाया गया है।'

किसानों को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस ने कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में भी लिया है।

इसे भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन जारी, मुंबई में बिगड़े हालात

जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि स्थिति सामान्य है और सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। जब उनसे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

इसके अलावा इंदौर की चौइथराम मंडी क्षेत्र में भी किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी किसानों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।

बता दें कि राज्य के किसान एक जून से 10 जून तक हड़ताल पर हैं। उनकी मांग कर्ज माफी व फसल का उचित दाम मिले। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आठ रुपये प्रति किलो प्याज खरीदने के साथ एक हजार करोड़ का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का ऐलान किया है।

इसे भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में सीएम फडनवीस से मिले किसान, आश्वासन के बाद की हड़ताल खत्म

भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को रविवार को स्थगित कर दिया था, मगर भारतीय किसान यूनियन, आम किसान यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का भी समर्थन मिल गया है।

किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। वहीं कई स्थानों पर दूध महंगे दाम पर बिक रहा है। इसी तरह के हालात कई अन्य इलाकों में भी है, क्योंकि सब्जियां मंडी तक और दूध दुग्ध केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा।

इसे भी पढ़ेंः शिवसेना ने कहा, किसानों की एकता तोड़ने की कोशिश कर रही है फडनवीस सरकार