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DMF फंड को लेकर कमलनाथ सरकार के मंत्री और विधायक आमने-सामने आए

सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य ने पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल पर डीएमएफ के बजट को लेकर मनमानी करने का आरोप लगाया है.

Updated on: 22 Jul 2019, 02:32 PM

नई दिल्ली:

जिला खनिज प्रतिष्ठान का गठन उन इलाकों के लिए किया गया था, जहां पर उत्खनन के दौरान भारी प्रदूषण होता है और इसमें जमा राशि प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों के डेवलपमेंट और प्रदूषण को रोकने के लिए किया जाना था, लेकिन कांग्रेस सरकार के मंत्री कमलेश्वर पटेल इस राशि का मनमाने तरीके से यूज कर रहे हैं. मामला सिंगरौली जिले का है जहां पर सरकार के मंत्री कमलेश्वर पटेल ने अपनी विधानसभा क्षेत्र सिहावल में 83 करोड रुपए के कार्य स्वीकृत करवा लिए जबकि सिहावल विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह से कोई उत्खनन नहीं हो रहा है.

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सिंगरौली जिले में DMF फंड के जरिए 200 करोड़ रुपए की राशि हर साल एनसीएल सहित कोयला उत्खनन में लगी सभी कंपनियां इस फंड में जमा करवाते हैं. जिसका उपयोग प्रदूषण से प्रभावित इलाकों में एनजीटी के द्वारा तय किए गए पैमानों के आधार पर खर्च की जानी थी, लेकिन यहां इसके विपरीत हुआ. जिला खनिज प्रतिष्ठान के बजट आवंटन में अब मंत्री और विधायकों के बीच तकरार शुरू हो गई है.

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सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य ने पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल पर डीएमएफ के बजट को लेकर मनमानी करने का आरोप लगाया है. विधायक का यह भी कहना है कि मंत्री के इशारे पर अधिकारियों ने भी बजट को उनके विधानसभा क्षेत्र में भेज दिया गया है. विधायक रामलल्लू वैश्य ने आरोप लगाए हैं कि मंत्री कमलेश्वर पटेल ने डीएमएफ फंड के करोड़ों रुपए अपने सिहावल विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वीकृत करवा लिए, जबकि मंत्रीजी का विधानसभा सीधी अंतर्गत आता है.

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