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चुनाव परिणाम के बाद मध्‍यप्रदेश सरकार पर छाया नया संकट, विधायकों पर रखी जाएगी नजर- सूत्र

सूत्रों के मुताबिक हर मंत्री को 5-5 विधायकों पर नजर रखने और उनसे बातचीत करते रहने को कहा गया है.

Updated on: 27 May 2019, 07:15 AM

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को मंत्रालय में सभी मंत्रियों के साथ चर्चा की, इसके बाद विधायक दल की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक हर मंत्री को 5-5 विधायकों पर नजर रखने और उनसे बातचीत करते रहने को कहा गया है. बैठक में शामिल पार्टी के एक आला नेता ने बताया कि कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को सावधान रहने के निर्देश देते हुए विपक्ष की साजिशों को नाकाम करने को कहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कहा कि उन पर काफी भार बढ़ गया था. राहुल गांधी के पुत्र मोह वाले बयान पर भी कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने ऐसा कहा ही नहीं है और पार्टी जल्द ही इसपर स्पष्टीकरण देगी.

ज्यादातर मंत्री मीटिंग की ज्यादा जानकारी देने से बचते नजर आए. कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है, बैठक में विकास कार्यों पर चर्चा हुई. वहीं दूसरे वरिष्ठ मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि कमलनाथ सरकार 5 साल तक चलेगी. उन्होंने कहा कि हम कई बार बहुमत सिद्ध कर चुके हैं और आगे भी बहुमत सिद्ध करने के लिए तैयार हैं.

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इस बैठक में लोकसभा चुनाव में मंत्रियों की कार्यप्रणाली और सरकार की योजनाओं को लेकर चर्चा हुई. साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से मध्यप्रदेश की विकास योजनाओं पर काम करने के तरीकों पर उनकी राय ली. इसके अलावा कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर भी मंत्रिमंडल के साथ बातचीत की.

सूत्रों के मुताबिक सरकार को स्थिरता देने राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्तियों पर भी सरकार जल्द फैसला लेगी. कुछ दिनों में मंत्रिमंडल के गठन के बाद से ही सरकार में जगह नहीं मिलने से नाराज़ पार्टी के वरिष्ठ विधायक और बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को सरकार में शामिल किया जा सकता है. बैठक के बाद वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा कि वो सरकार से नाराज़ नहीं हैं, लेकिन अपनी वरिष्ठता को अनदेखा किये जाने से दुखी ज़रूर हैं.