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कैलाश विजयवर्गीय का सनसनीखेज दावा- मेरे घर काम कर रहे थे संदिग्ध बांग्लादेशी मजदूर

विजयवर्गीय ने एक सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) की जमकर पैरवी करते हुए यह दावा किया.

Updated on: 24 Jan 2020, 08:12 AM

इंदौर:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने सनसनीखेज दावा किया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि इंदौर (Indore) में उनके घर के निर्माण कार्य में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. विजयवर्गीय ने एक सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) की जमकर पैरवी करते हुए यह दावा किया.

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भाजपा महासचिव ने अपने गृहनगर में 'लोकतंत्र-संविधान-नागरिकता' विषय पर आयोजित परिसंवाद में कहा कि यहां उनके घर में नये कमरे के निर्माण कार्य के दौरान उन्हें छह-सात मजदूरों के खान-पान का तरीका थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि वे भोजन में केवल पोहा (नाश्ते के रूप में खाया जाने वाला स्थानीय व्यंजन) खा रहे थे. विजयवर्गीय ने कहा कि इन मजदूरों और भवन निर्माण ठेकेदार के सुपरवाइजर से बातचीत के बाद उन्हें संदेह हुआ कि ये श्रमिक बांग्लादेश के रहने वाले हैं.

कार्यक्रम के बाद हालांकि संवाददाताओं ने जब भाजपा महासचिव से इन संदिग्ध लोगों के बारे में सवाल किए, तो उन्होंने कहा कि मुझे शंका थी कि ये मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं. मुझे संदेह होने के दूसरे ही दिन उन्होंने मेरे घर काम करना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस के सामने इस मामले में फिलहाल शिकायत दर्ज नहीं कराई है. मैंने तो केवल लोगों को सचेत करने के लिये उन मजदूरों का जिक्र किया था.

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विजयवर्गीय ने कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में यह दावा भी किया कि बांग्लादेश का एक आतंकवादी पिछले डेढ़ साल से उनकी 'रेकी' (नजर रखना) कर रहा था. उन्होंने कहा, 'मैं जब भी बाहर निकलता हूं, तो छह-छह बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी मेरे आगे-पीछे चलते हैं. यह देश में आखिर क्या हो रहा है? क्या बाहर के लोग देश में घुसकर इतना आतंक फैला देंगे?' विजयवर्गीय ने सीएए की वकालत करते हुए कहा, 'भ्रम और अफवाहों के चक्कर में मत आइये. सीएए देश के हित में है. यह कानून भारत में वास्तविक शरणार्थियों को शरण देगा और उन घुसपैठियों की पहचान करेगा जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये खतरा है.'