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10 सितंबर को सोनिया गांधी से मिलेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, ये होगा मुलाकात का पूरा एजेंडा

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया 10 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे.

Updated on: 08 Sep 2019, 09:44 AM

भोपाल:

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया 10 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे. दोनों के बीच मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम को लेकर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर चर्चा होने की संभावना है. 12 सितंबर को दिल्ली में देशभर के प्रदेश अध्यक्षों की सोनिया गांधी के साथ होने वाली बैठक के पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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पार्टी नेताओं के मुताबिक, सोनिया गांधी मध्य प्रदेश के नए पार्टी प्रमुख को लेकर कांग्रेस नेताओं से फीडबैक ले रहीं हैं और 10-15 दिनों के अंदर इस पर फैसला लिया जा सकता है. राज्य के कई बड़े नेता और मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. राज्य के पार्टी अध्यक्ष को लेकर सोनिया गांधी ने शुक्रवार को 10 दिनों के अंदर राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया से रिपोर्ट मांगी है. कयासों के अनुसार, दिग्विजय सिंह राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में सिंधिया के चुने जाने का विरोध कर सकते हैं.

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उधर, शनिवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की. कमलनाथ और सोनिया गांधी की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. इस दौरान सोनिया ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के बीच जारी कलह को लेकर चिंता जताई. बीते 10 दिनों में कमलनाथ की सोनिया गांधी के साथ यह दूसरी मुलाकात थी. 30 अगस्त को भी संप्रग अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने कहा था कि पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद राज्य इकाई के एक नए अध्यक्ष की जरूरत है. सिंधिया से किसी भी तरह के मतभेदों से इनकार करते हुए उन्होंने कहा था कि यह कहना गलत है कि सिंधिया नाराज हैं.

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गौरतलब है कि यह बयान ऐसे समय दिया गया है, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट और अन्य में लड़ाई अपने चरम पर है. सिंधिया समर्थक कई नेताओं ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर खुलेआम नाराजगी जाहिर की है. वैसे भी मध्य प्रदेश में अंदरूनी कलह और गटबाजी खुलकर सड़कों पर नजर आने लगी है और पोस्टरों के माध्यम से यह गुट बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ऑल इज वेल नहीं है. कांग्रेस हाईकमान ने नेताओं की जुबानी जंग पर भले ही रोक लगाई हो, लेकिन मध्यप्रदेश में पोस्टर वार अभी भी जारी है.

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