झाबुआ उप-चुनाव से होगा कमलनाथ सरकार के कामकाज का 'लिटमस टेस्ट'
वैसे तो एक विधानसभा क्षेत्र के उप-चुनाव का सियासी तौर पर ज्यादा महत्व नहीं होता है, मगर मध्यप्रदेश के झाबुआ में होने जा रहे उप-चुनाव में बड़ा संदेश छुपा हुआ है, क्योंकि यह चुनाव जहां नौ माह पुरानी कमलनाथ सरकार के कामकाज का लिटमस टेस्ट होगा, तो वहीं सरकार के भविष्य को लेकर चल रही कयासबाजी पर विराम लगाने वाला भी हो सकता है.
भोपाल:
वैसे तो एक विधानसभा क्षेत्र के उप-चुनाव का सियासी तौर पर ज्यादा महत्व नहीं होता है, मगर मध्यप्रदेश के झाबुआ में होने जा रहे उप-चुनाव में बड़ा संदेश छुपा हुआ है, क्योंकि यह चुनाव जहां नौ माह पुरानी कमलनाथ सरकार के कामकाज का लिटमस टेस्ट होगा, तो वहीं सरकार के भविष्य को लेकर चल रही कयासबाजी पर विराम लगाने वाला भी हो सकता है.
झाबुआ में 21 अक्टूबर को चुनाव होने वाला है. इस चुनाव को जीतने में सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा ने पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है. एक तरफ जहां राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के लिए सभा और रोड शो कर चुके है वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने उम्मीदवार भानू भूरिया के पक्ष में जोर लगाने वाले हैं.
यह भी पढ़ें- गोरखपुर जेल में कैदियों ने मचाया हंगामा, पुलिस टीम के कई अधिकारियों को पीटा
यह चुनाव कांग्रेस के लिए ज्यादा अहमियत वाला है क्योंकि उसके पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस का 114 और भाजपा का 108 सीटों पर कब्जा है. वर्तमान कमलनाथ सरकार समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है. यह चुनाव जीतने से कांग्रेस की स्थिति कुछ मजबूत होगी क्योंकि उसकी सदस्य संख्या बढ़कर 115 हो जाएगी. वहीं भाजपा इस चुनाव में कांग्रेस को हराकर यह बताने की कोशिश में है कि, राज्य सरकार के कामकाज से प्रदेश की जनता संतुष्ट नहीं है.
यह भी पढ़ें- बुलंदशहर में भीषण हादसा, 7 लोगों को बस ने कुचला, सभी की मौके पर मौत
मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है, 'कांग्रेस की सरकार ने सत्ता में आते ही अपने वचन को पूरा किया है, जुमले नहीं होंगे, जो कहा जाएगा उसे हकीकत में पूरा किया जाएगा. बीते 15 सालों भाजपा की सरकार का शासन रहा, जिसके नेता सिर्फ घोषणाएं और जुमलेबाजी कर अपने चेहरा चमकाते रहे.
उन्होंने कहा, "भाजपा ने जो काम 15 साल में नहीं किए, वह काम कांग्रेस की सरकार 15 माह में करके दिखाएगी, बीते आठ माह इस बात की गवाही देते है. चुनाव से पहले जो वादे किए गए, चाहे किसान कर्ज माफी हो, सामाजिक सुरक्षा पेंशन हो, सभी को पूरा किया गया है."
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के गुना में 4 साल की बच्ची से दुष्कर्म, आरोपी पड़ोसी गिरफ्तार
वहीं भाजपा ने कांग्रेस के शासनकाल पर हमले तेज कर दिए हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि, राज्य की कांग्रेस सरकार ने जनता से वादा खिलाफी की है. न तो किसानों का कर्ज माफ हुआ, न ही बेरोजगारों को भत्ता मिला. वहीं आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है. इतना ही नहीं भाजपा के शासनकाल में शुरू की गइर्ं जनहितकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया . इससे जनता में भारी असंतोष है और झाबुआ उपचुनाव में इसका जवाब जनता देगी.
यह भी पढ़ें- सलमान खुर्शीद के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बोले, कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत है
झाबुआ में उपचुनाव का शोर लगातर बढ़ता जा रहा है. दोनों दलों के उम्मीदवार और नेताओं ने जनता के बीच जाकर अपनी बात कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
राजनीतिक विश्लेषक साजी थामस ने कहा, "आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का यह चुनाव कांग्रेस के लिए भाजपा के मुकाबले कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में जीतने से कांग्रेस के विधायकों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ में यह संदेश भी जाएगा कि, राज्य मे कमलनाथ सरकार के प्रति अभी जनता में असंतोष नहीं है. एक लिहाज से यह चुनाव कमलनाथ सरकार के नौ माह के कामकाज का लिटमस टेस्ट भी होगा. वहीं अगर भाजपा जीत गई तो बहुमत से दूर कांग्रेस सरकार के लिए आने वाले दिन ज्यादा मुसीबत भरे हो सकते है, क्योंकि समर्थन देने वाले विधायक वैसे ही सरकार पर दवाब बनाए रहते हैं.
फिलहाल चुनाव जीतने का दोनों दल दावा कर रहे है, प्रचार में लगे है. एक दूसरे पर आरोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. चुनाव कोई भी जीते मगर नतीजा सियासी गर्माहट तो लाएगा ही.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह