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देश को नागरिकता रजिस्‍टर नहीं बेरोजगारी रजिस्‍टर की जरूरत: कांग्रेस

मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस ने कहा कि देश को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की नहीं बल्कि राष्ट्रीय बेरोजगारी रजिस्टर (एनआरयू) की जरूरत है.

Updated on: 28 Jan 2020, 03:18 PM

भोपाल:

मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस ने कहा कि देश को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की नहीं बल्कि राष्ट्रीय बेरोजगारी रजिस्टर (एनआरयू) की जरूरत है. उसने कहा कि इसके साथ ही सरकार को यह बताना चाहिए कि उसने छह सालों में कितने युवाओं को नौकरी दी और आगे कैसे बेरोजगारी दूर करेगी. मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने मंगलवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘युवक कांग्रेस ने लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के मुद्दे को उठाते हुए एनआरयू बनाने की मांग को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत मिस्ड कॉल के लिए एक नंबर जारी किया गया है. इसे लेकर युवक कांग्रेस देशभर के युवाओं के बीच एक अभियान चलाएगी.’’

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उन्होंने राज्य में अभियान को शुरु करने के साथ ही केन्द्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि जीडीपी पर ध्यान देने के बजाय सरकार सीएए-एनआरसी पर लोगों को भटकाने का प्रयास कर रही है इसलिये युवा आवाज उठा रहे हैं कि उन्हें एनआरसी नहीं एनआरयू चाहिए. चौधरी ने कहा कि देश में आज बेरोजगारी 45 वर्षो के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, ऐसे में बेरोजगार युवा मिस्ड कॉल के जरिए एनआरयू की मांग पर अपना समर्थन देंगे और कुछ हफ्ते बाद हम यह आंकड़ा सरकार को देंगे तथा एनआरयू बनाने का दबाव बनाएंगे.

कांगेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने युवाओं को 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था लेकिन दो करोड़ रोजगार तो दूर इन्होने 3.64 करोड़ रोजगार छीनने का काम किया है.

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कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हर रोज रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और राज्य में जब कांग्रेस ने दिसंबर 18 में सरकार संभाली थी तो देश की बेरोजगारी दर के समान मध्यप्रदेश में भी यह 7 प्रतिशत थी तथा एक वर्ष बाद दिसंबर 2019 में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई जबकि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी दर घटकर मात्र 3.9 फीसद रह गई है.