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जबलपुर में 15 साल से चल रहा था मानव तस्करी धंधा, चंगुल से छूटकर भागी लड़की ने खोला राज

चौंकाने वाली बात यह है कि इस घिनौने अपराध में मां और बेटे दोनों शामिल थे.

Updated on: 27 May 2019, 10:33 AM

नई दिल्ली:

जबलपुर (Jabalpur) में मानव तस्करी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक गिरोह पिछले करीब 15 सालों से मानव तस्करी का काम कर रहा था. जिसका खुलासा एक युवती की शिकायत के बाद हुआ. पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस घिनौने अपराध में मां और बेटे दोनों शामिल थे.

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ये आरोपी लड़कियों की मजबूरी और गरीबी का फायदा उठाकर अच्छी नौकरी और पैसों का लालच दिया करते थे. जिसके बाद युवतियों का राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लोगों के साथ सौदा किया जाता था और 80 हजार से लेकर तीन लाख रुपए तक में युवतियों को बेच दिया करते थे. यह घिनौना अपराध पिछले 15 सालों से चल रहा था. इस अपराध का मास्टरमाइंड आनंद साहू है, जिसने मानव तस्करी के अपराध को बढ़ावा दिया.

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मास्टरमाइंड आनंद ने बताया कि 15 साल पहले वह भी अपने किसी एक आदमी के साथ इस काम में शामिल हुआ था, लेकिन उसके बाद उसने खुद यह धंधा शुरू कर दिया और उसने हलवाई का काम शुरू किया. इस दौरान उसकी मुलाकात सुनीता यादव से हुई, जिसके साथ मिलकर उसने जबलपुर की गरीब और मजबूर और रोजगार की तलाश वाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाया और दूसरे राज्यों में भेजना शुरू कर दिया. इस काम में सुनीता यादव का बेटा निखिल यादव भी शामिल हो गया निखिल यादव का कहना है कि जब आनंद साहू उसके संपर्क में आया था, उसकी उम्र बहुत कम थी. लेकिन उसके देखते हुए करीब 12 लड़कियों को राजस्थान में बेचा गया है.

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इस घिनौने अपराध का खुलासा तब हुआ जब आधारताल की रहने वाली युवती इनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब हो गई. जिसने पुलिस के सामने अपनी आपबीती सुनाई. युवती के खुलासे के बाद ही पुलिस ने इस गिरोह को गिरफ्तार किया है. युवती ने बताया कि उसके तरह ही कई लड़कियों को जबलपुर से ले जाया गया है. पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में अब तक केवल एक लड़की ही सामने आई है, जिस के बयानों के आधार पर पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस का मानना है कि मानव तस्करी का मामला है और इसकी जड़ तक पुलिस पहुंचेगी. 

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मानव तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है. लेकिन अब तक इस मामले मे डिंडोरी मंडला जैसे आदिवासी इलाके शामिल थे. जबलपुर जैसे शहर में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मानव तस्करी का मामला सामने आया है. अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है ये गोरखधंधा इतने सालों से फल फूल रहा था तो पुलिस को अब तक खबर क्यों नहीं हुई. पुलिस की नाक के नीचे ना जाने अब तक कितनी लड़कियां इस घिनौने अपराध की भेंट चढ़ चुकी है.

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