logo-image

दूल्हे ने शादी के कार्ड पर छपवाया 'I Support CAA', फिर हुआ कुछ ऐसा

मामला नरसिंहपुर जिले का है और यहां 18 फरवरी को होने वाली शादी के इंविटेशन कार्ड पर I Support CAA छपवाया गया है.

Updated on: 18 Jan 2020, 10:13 AM

highlights

  • देश में सीएए या नागरिकता संशोधन कानून को लेकर काफी खिचा तानी मची हुई है.
  • राजधानी (Delhi) सहित देश भर में इसके विरोध में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं.
  • इसी बीच सीएए को लेकर मध्य प्रदेश में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी.

नरसिंहपुर:

देश में सीएए या नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act-CAA) को लेकर काफी खींचतानी मची हुई है. राजधानी (Delhi) सहित देश भर में इसके विरोध में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. सीएए को लेकर देश दो फाड़ में बंट चुका है. एक पक्ष है जो सीएए को समर्थन दे रहा है जबकि दूसरा पक्ष है जो सीएए का जबरदस्त विरोध कर रहा है. इसी बीच सीएए को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी. दरअसल मध्य प्रदेश की एक शादी में एक अनोखी चीज देखने को मिली है. जहां शादी के कार्ड पर 'आई सपोर्ट सीएए' छपवाया गया है.
बताया जा रहा है कि मामला नरसिंहपुर जिले का है और यहां 18 जनवरी को होने वाली शादी के इंविटेशन कार्ड पर I Support CAA छपवाया गया है. दुल्हे का नाम प्रभात बताया गया है जिनकी जनवरी 2020 में शादी होने वाली है. अपनी शादी के कार्ड के जरिए प्रभात ने सीएए पर अपना समर्थन दर्ज करवाया है.


यह भी पढ़ें: 'सोनिया गांधी आखिरी मुगल जैसी, राहुल गांधी को चुनकर केरल ने किया विनाशकारी काम', जानें किसने कही यह बात
प्रभात का कहना है कि वो नागरिकता संशोधन कानून के बारे में जागरुकता फैलाना चाहते हैं और वो चाहते हैं कि लोग इस कानून के बारे में सही बातों को जानें.
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार के जरिए नागरिकता संशोधन कानून लाया गया है. जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से पीड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात कही गई है. हालांकि इस कानून पर देश के कई इलाकों में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के चलते हिंसा भी देखने को मिली थी.
यह भी पढ़ें: इंदौर में सीएए विरोधियों और पुलिस के बीच झड़प, पढ़ें पूरी जानकारी
दरअसल, नागरिकता अधिनियम, 1955 में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल (CAB) लेकर आई. बिल को संसद में पास करवाया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया. इसके साथ ही अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था.