कमलनाथ सरकार के मंत्री ने माना अपना वादा निभाने में फेल हुई सरकार
गोविंद सिंह सरकार से यह भी मांग उठाई कि हनीट्रैप केस में जो नेता या नौकरशाह दोषी पाए जाएंगे, उनके नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए ताकि नजीर पेश की जा सके.
Bhopal:
मध्य प्रदेश में सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रदेश की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था, उन्होंने माना कि शपथ लेने के फौरन बाद इसका आदेश भी दे दिया लेकिन इसमें देरी हुई है. हालांकि गोविंद सिंह ने आशा जताई कि सरकार अपने इस वादे को जल्द पूरा करेगी.
सरकार से की नजीर पेश करने की बात
गोविंद सिंह सरकार से यह भी मांग उठाई कि हनीट्रैप केस में जो नेता या नौकरशाह दोषी पाए जाएंगे, उनके नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए ताकि नजीर पेश की जा सके. गोविंद सिंह ने कहा, उच्च पदों पर बैठे लोग अगर ऐसे काम में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस को इसमें कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए.
Madhya Pradesh Minister Govind Singh: Rahul Gandhi ji had declared farm loan waiver within 10 days and Chief Minister gave order regarding it, immediately after taking oath. We admit that there has been delay but we'll fulfil our promise. pic.twitter.com/CRalLmqiYa
— ANI (@ANI) December 30, 2019
यह भी पढ़ें- कांग्रेस पर शिवराज सिंह ने कसा तंज- 134 सालों के इतिहास में करीब 40 वर्ष तक...
बता दें, मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने दिसंबर 2018 के चुनाव में जो कामयाबी हासिल की थी, उसमें किसानों की कर्ज माफी के चुनावी वादे ने अहम भूमिका अदा की थी. पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया था कि किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे. उस वक्त कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी सत्ता में आने के बाद 10 दिन के भीतर यह काम करेगी. इसमें भी कोई शक नहीं कि कमलनाथ जिस दिन मुख्यमंत्री बने, ठीक उसी दिन उन्होंने कर्ज माफी के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे. लेकिन उन्हीं की सरकार के मंत्री गोविंद सिंह के बयान से साफ है कि कर्जमाफी में देरी हुई है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मुद्दे पर कमलनाथ सरकार पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने कहा था, ''राहुल गांधी ने वादा किया था कि 10 दिन के भीतर कर्ज माफ कर दिए जाएंगे वरना मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा. इस तर्क से तो अब तक 27 मुख्यमंत्री बदल दिए जाने चाहिए थे.' कांग्रेस ने भी इस पर पलटवार किया और इसका जवाब देते हुए राज्य कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने 50,000 रुपए तक के कर्ज माफ करने का वादा किया था और बाद में उससे मुकर गई. इस पार्टी को तो इस मामले में बोलने का कोई हक ही नहीं है.
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