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ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के एक और करीबी से पूछताछ, 2 निजी सचिव पहले भी हो चुके हैं गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Updated on: 03 Aug 2019, 02:50 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. घोटाले की जांच की आंच धीरे-धीरे नरोत्तम मिश्रा के करीब आती जा रही है. पुलिस की विशेष आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने पूर्व मंत्री के एक और करीबी से पूछताछ की है. ईओडब्ल्यू ने इस मामले में पूछताछ के लिए नरोत्तम मिश्रा के करीबी मुकेश शर्मा को बुलाया और उनके नगरी प्रशासन स्वास्थ्य और जल संसाधन विभाग के टेंडर को लेकर पूछताछ की गई.

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गौरतलब है कि नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सचिवों निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है. बीते गुरुवार को ही भोपाल कोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू ने दोनों को रिमांड पर लिया है. ईओडब्ल्यू ने निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को तीन दिन तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया. पूछताछ के दौरान ई-टेंडर घोटाले में बड़े खुलासे होने की आशंका जताई जा रही है. माना जा रहा है कि नेता और अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है. इसके अलावा पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी पूछताछ की जा सकती है.

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बता दें कि पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में नरोत्तम मिश्रा जल संसाधन मंत्री रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में ई-टेंडरिंग में लगभग 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है. कांग्रेस ने अपने विधानसभा चुनाव के वचन-पत्र में ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच और दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया था. ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया के दौरान एक अधिकारी ने इस बात का खुलासा किया था कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ की उन कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने टेंडर डाले थे, जिन 9 टेंडरों में गड़बड़ी की बात सीईआरटी की जांच में पुष्टि हुई है, वे लगभग 900 करोड़ रुपये के हैं.

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