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सरकारी नौकरी में सैलरी मिली 53 लाख, संपत्ति निकली करोड़ों की, जांच एजेंसी के छूटे पसीने

जबलपुर में एक रिटायर्ड इंजीनियर के ठिकानों पर जब छापे पड़े तो करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ. पीएचई में तैनाती के दौरान सुरेश उपाध्याय नाम के अफसर ने इतनी रकम जुटाई कि हिसाब करते-करते जांच टीम के पसीने छूट रहे हैं.

Updated on: 26 Jun 2019, 11:34 AM

highlights

  • EOW ने 70 लोगों की टीम के साथ मारा छापा
  • रिटायर्ड इंजीनियर और पत्नी के खिलाप मुकदमा दर्ज
  • कई बड़े नामों का हो सकता है खुलासा

जबलपुर:

जबलपुर में एक रिटायर्ड इंजीनियर के ठिकानों पर जब छापे पड़े तो करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ. पीएचई में तैनाती के दौरान सुरेश उपाध्याय नाम के अफसर ने इतनी रकम जुटाई कि हिसाब करते-करते जांच टीम के पसीने छूट रहे हैं.

अब तक की जांच में उपाध्याय के कई एकड़ ज़मीनों के अलावा आधा दर्जनों कंपनियों में करोड़ों के निवेश के पुख्ता सबूत मिले हैं. जबलपुर के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने मंगलवार की तड़के एक रिटायर्ड एसडीओ के कई ठिकानों पर छापेमारी की तो करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ.

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आरोप है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी यानी पीएचई में तैनाती के दौरान सुरेश उपाध्याय ने करोड़ों की काली कमाई की और उसे खपाने के लिए रियल एस्टेट के कारोबार को चुना. ईओडब्ल्यू के एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत की अगवाई में करीब 70 लोगों की टीम ने एक साथ छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया.

टीम जब रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय के तिलहरी स्थित अनंतारा के बंगले पर पहुंची तो पूरा परिवार सोता हुआ मिला. उपाध्याय को सर्च वारंट दिखाकर जब इस आलीशान बंगले की तलाशी शुरू की गई तो वहां मौजूद शाही साजो सामान और विलासिता की इंपोर्टेड चीजें देखकर जांच दल की आंखें भी चौंधिया गई.

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लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अनुविभागीय अधिकारी रहे सुरेश उपाध्याय ने अपनी नौकरी के दौरान जमकर काला पीला किया और करोड़ों की दौलत बनाई. प्रदेश में भाजपा की सरकार के दौरान उपाध्याय के भाजपा के कई दिग्गज नेताओं से गहरी सांठगांठ थी, जिसके चलते उपाध्याय को हमेशा से ही मलाईदार जिम्मेदारियां सौंपी जाती रही.

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एसडीओ रहे सुरेश उपाध्याय ने बेटे सचिन उपाध्याय के जरिए रियल एस्टेट कारोबार में कदम रखा और चैतन्य प्रमोटर्स नाम से कई कॉलोनियां बनाई. जांच में तिलहरी और कजरवारा क्षेत्र में कई एकड़ जमीन होने का भी खुलासा हुआ है. ईओडब्ल्यू के निशाने पर आने वाले सुरेश उपाध्याय की पत्नी अनुराधा उपाध्याय भाजपा की पार्षद भी रह चुकी हैं.

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माना जा रहा है कि उपाध्याय परिवार के कई दिग्गज भाजपा नेताओं से नजदीकी कारोबारी रिश्ते हैं. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपनी जांच में कई बिंदुओं को शामिल किया है, जाहिर है उपाध्याय के कारोबार में निवेश करने वाले लोगों तक भी जांच की आंच पहुंच सकती है.

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शुरुआती जांच में ईओडब्ल्यू को बिलहरी, तिलहरी और कजरवारा क्षेत्र में कई एकड़ जमीनें मिली हैं, इसके अलावा अनंतारा में 42 नंबर का बंगला, कजरवारा और सदर में एक एक मकान, कई आलीशान गाड़ियां, सोने के जेवर और कई बैंक खातों का खुलासा हुआ है.

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ईओडब्ल्यू ने सुरेश उपाध्याय के साथ ही पूर्व पार्षद पत्नी अनुराधा उपाध्याय और बेटे सचिन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया है. छापेमारी के बाद ईओडब्ल्यू एसपी की अगुवाई में कई टीमें संपत्तियों का ब्यौरा जुटाने में लगी हुई हैं. माना जा रहा है कि जांच पूरी होते-होते करोड़ों की बेनामी संपत्ति के साथ ही कई सफेदपोशों की हिस्सेदारी के सबूत भी जांच टीम के हाथ लग सकते हैं.