मीडिया में आलोचना सरकार के लिए मददगार, सीएम कमलनाथ ने कही ये बात
कमलनाथ ने शनिवार को पत्रकारिता के विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने पेशे का सम्मान करें और निष्पक्ष होकर काम करने की शपथ भी लें.
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि मीडिया में आलोचना सरकार को अपनी कमियां दूर करने का मौका देती है, इसलिए जरूरी है कि पत्रकार निडर और निष्पक्ष होकर अपनी भूमिका निभाएं. राजधानी के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के 'उत्कृष्टता की ओर सत्रारंभ 2019' का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को पत्रकारिता के विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने पेशे का सम्मान करें और निष्पक्ष होकर काम करने की शपथ भी लें.
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कमलनाथ ने आगे कहा, 'लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि पत्रकारिता प्रलोभन और दबाव से दूर रहकर भारत के संविधान को आत्मसात करे, जो हमें विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार देता है. मुझे बहुत सुविधा होती है, जब मैं अपनी सरकार की योजना और व्यवस्था की आलोचना अखबारों में पढ़ता हूं. मुझे जानकारी मिलती है तो उस पर एक्शन लेता हूं. इससे मुझे अपनी सरकार की कमियों को दूर करने में मदद मिलती है.'
मुख्यमंत्री ने पत्रकारिता का अध्ययन कर रहे नवागत छात्र-छात्राओं से कहा कि वे एक ऐसे पेशे से जुड़े हैं, जो लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. इसलिए निष्पक्ष होकर काम करें, क्योंकि निर्भीक और निष्पक्ष लेखन प्रजातंत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार और समाचार-पत्र सरकार के प्रकाशन नहीं हैं. आपको आलोचना करने का अधिकार है और यह आपका कर्तव्य भी है. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सातवां वेतनमान, विश्वविद्यालय के अध्ययन संस्थान में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और कर्मचारियों के बीमा में विश्वविद्यालय द्वारा अंशदान दिए जाने की घोषणा की.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नए सत्र के सिलेबस का विमोचन भी किया. मुख्यमंत्री को शॉल-श्रीफल और स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया तथा स्वागत पुस्तक भेंट की गई. विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की संकल्पना थी. उन्होंने 32 वर्ष पूर्व खंडवा में पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की थी.
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