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मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकता किसान और नौजवान, संवतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिया साफ संदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वतंत्रता दिवस के संदेश में साफ कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता किसान और नौजवान है. राज्य सरकार गांव और गरीब को ध्यान में रखकर काम कर रही है.

Updated on: 15 Aug 2019, 02:59 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वतंत्रता दिवस के संदेश में साफ कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता किसान और नौजवान है. राज्य सरकार गांव और गरीब को ध्यान में रखकर काम कर रही है. राजधानी के लाल परेड मैदान में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में कमलनाथ ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली. 

इस मौके पर उन्होंने कहा, 'सरकार का गठन 25 दिसंबर को हुआ. उसके बाद लोकसभा चुनाव और उसकी आचार संहिता के बाद में केवल पांच महीने का ही समय काम करने के लिए मिला. पिछली सरकार से खाली खजाना मिला था. उसके बावजूद जनता को दिए गए वचन-पत्र में सभी वादों को पांच साल में पूरा करने के लिए संकल्पित हैं.'

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कमलनाथ ने वादा किया कि मध्यरप्रदेश को मिलावटमुक्त प्रदेश बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाइयां की जा रही है. कमलनाथ ने राज्य की आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, 'मध्यप्रदेश की गणना अभी भी देश में पिछड़े राज्यों में ही होती है, उसक बाद भी सरकार हर वर्ग के लिए योजनाएं बनाकर काम कर रही है. मुख्यमंत्री जय किसान ऋण माफी योजना के प्रथम चरण में 20 लाख 10 हजार किसानों के 50 हजार रुपये तक के चालू ऋण और दो लाख रुपये तक के डिफाल्टर ऋण को माफ किया गया है. 2018-19 में उत्पादित गेहूं विक्रय पर 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया.'

उन्होंने अपनी उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा, 'लघु उद्योगों सहित गैर कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 10 घंटे बिजली दी जा रही है. इस वर्ष पांच जनवरी को रिकार्ड 14 हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई. पिछले छह माह में विगत वर्ष की इसी अवधि से लगभग 14 प्रतिशत अधिक बिजली प्रदाय हुआ. किसानों को बिजली आधी दरों पर और गरीबों को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देने का वचन दिया था. दोनों वचन पूरे किए हैं. आगामी पांच वर्षो में प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य है. खाली खजाना मिलने के बावजूद सिंचाई योजनाओं को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.'

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राज्य की सड़को पर नजर आने वाले आवारा गौ-वंश की स्थिति पर चिंता जताते हुए कमलनाथ ने कहा कि निराश्रित गौ-वंश की देख-रेख के लिए सरकार ने प्रदेश में पहली बार एक हजार गौ-शालाओं के निर्माण का कार्य अपने हाथ में लिया है. युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, 'प्रदेश के युवाओं के रोजगार के लिए भोपाल में निर्माणाधीन ग्लोबल स्किल पार्क में सालाना 4800 छात्रों को एडवांस प्रशिक्षण दिया जायेगा. संभागीय मुख्यालयों के आई़.टी.आई. को मेगा आई.टी.आई. बनाया जा जा रहा है. प्रदेश के अधिकांश बड़े शहरों में कौशल विकास के लिए नए केन्द्र खोले जा रहे हैं. इन केंद्रों पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण की क्वालिटी पर नजर रखी जा रही है. शहरी बेरोजगारों को रोजगार और कौशल विकास के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना शुरू की है.'

उन्होंने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को ही देना पड़ेगा इसके लिए सरकार कानून बनाने जा रही है. प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए 18 से 20 अक्टूबर तक इंदौर में 'मेग्नीफिशेंट मध्यप्रदेश' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. वहीं सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो. 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन, डिंडौरी, अलीराजपुर एवं बैतूल जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं. इसके साथ ही पावरलूम सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये विशेष पैकेज लाया जा रहा है. बागवानी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना लाई जा रही है. उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों के लिए एक रुपए किलो अनाज और नमक की व्यवस्था के लिए 18 जिलों में आधार कार्ड आधारित राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है. अब इन जिलों में हितग्राही किसी भी राशन दुकान से आधार कार्ड के जरिए राशन प्राप्त कर रहे हैं. आगामी समय में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में की जाएगी.