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बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा, निगम अधिकारी की बल्ले से की थी पिटाई

इंदौर जेल से जमानत पर रिहा हुए बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय

Updated on: 30 Jun 2019, 09:13 AM

नई दिल्ली:

बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय इंदौर जेल से रिहा हो गए हैं. जमानत के कागजात दिखाने के बाद आकाश को जेल से रिहा किया गया है. बता दें कि शनिवार को भोपाल की विशेष अदालत ने मारपीट के मामले में 50 हजार रुपये और अन्य मामले में 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर आकाश विजयर्गीय को जमानत दी थी. 

शनिवार को भोपाल कोर्ट में विजयवर्गीय के वकीलों ने उनके लिए जमानत की मांग करते हुए उन्होंने तर्क दिया कि विधायक को मामले में झूठा फंसाया गया है. उन्होंने बहस के दौरान कहा कि उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. वहीं जमानत याचिका का विरोध करते हुए, जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय ने कहा कि विधायक का कृत्य पूर्व-निधारित था और एक कानून बनाने वाले व्यक्ति से इस तरह के बर्ताव की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

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गौरतलब है कि हाल ही में आकाश विजयवर्गीय का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो नगर निगम अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से मार रहे हैं. आरोप है कि इंदौर नगर निगम के अधिकारियों की टीम जर्जर मकानों को तोड़ने गई थी, इसी दौरान आकाश नगर निगम के अधिकारियों पर ही बरस पड़े थे. इस मामले में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 7 जुलाई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 

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इंदौर की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय की आक्रामक नेता की छवि रही है. लगभग दो दशक पहले का वाकया है, जब स्थानीय लोगों की पानी की समस्या को लेकर कैलाश विजयवर्गीय नगर निगम आयुक्त के आवास का घेराव करने पहुंचे थे. यहां विजयवर्गीय ने तब एक अधिकारी के सामने जूता तान लिया था. पिता ने नक्शे कदम पर चलते हुए उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने भी ऐसी ही किया. उन्होंने इंदौर के गंजी कंपाउंड स्थित जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अमले में शामिल अधिकारी धीरेंद्र बायस पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया. इस घटना ने पिता कैलाश विजयवर्गीय के राजनीतिक अंदाज की याद ताजा कर दी.

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इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश में खूब सिसायत गरमाई. इस मामले ने भाजपा को बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया. भाजपा कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं. सोशल मीडिया पर पिटाई का वीडियो वायरल होने से पार्टी की खूब किरकिरी हुई. पूरे घटनाक्रम पर भाजपा मुख्यालय को भी रिपोर्ट तलब करनी पड़ी.  वहीं कांग्रेस को हमला करने का मौका दे दिया. राज्य से भाजपा के सत्ता से बाहर होने के बाद यह चौथी ऐसी घटना थी, जिसमें पार्टी के नेताओं के बेटों ने अपनी दबंगई दिखाई और पुलिस को कार्रवाई करना पड़ी. इससे पहले मंत्री कमल पटेल के बेटे, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे और विधायक जालम सिंह पटेल के बेटे पर भी पुलिस मामला दर्ज कर चुकी है.

यह वीडियो देखें-