logo-image

Jharkhand Poll : क्‍या बिखर रहा है एनडीए (NDA) का कुनबा, महाराष्‍ट्र (Maharashtra) के बाद झारखंड (Jharkhand) में बीजेपी (BJP) को लगा बड़ा झटका

राज्‍य में सुदेश महतो (Sudesh Mahto) की पार्टी आजसू ने बीजेपी से पल्‍ला झाड़कर कई सीटों पर अपने उम्‍मीदवारों की घोषणा कर दी है तो लोक जनशक्‍ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी घोषणा कर दी है कि पार्टी झारखंड में अलग चुनाव लड़ेगी.

Updated on: 19 Nov 2019, 10:02 AM

नई दिल्‍ली:

लगता है बीजेपी (BJP) दिल्‍ली (Delhi) और बिहार (Bihar) विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में आम आदमी पार्टी (AAP) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) से मिली हार के बाद सबसे मुश्‍किल समय से गुजर रही है. पहले हरियाणा (Haryana) और महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में मन मुताबिक नतीजे नहीं आए, जबकि जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्‍छेद 370 (Article 370) को मोदी सरकार ने हटा दिया था. चुनाव में बीजेपी इसका फायदा नहीं उठा पाई और हरियाणा में गठबंधन सरकार बनानी पड़ी तो महाराष्‍ट्र जैसे राज्‍य से हाथ धोना पड़ गया. अब बीजेपी के लिए झारखंड (Jharkhand) से भी बुरी खबर आ रही है. राज्‍य में सुदेश महतो (Sudesh Mahto) की पार्टी आजसू ने बीजेपी से पल्‍ला झाड़कर कई सीटों पर अपने उम्‍मीदवारों की घोषणा कर दी है तो लोक जनशक्‍ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी घोषणा कर दी है कि पार्टी झारखंड में अलग चुनाव लड़ेगी. लोक जनशक्‍ति पार्टी ने झारखंड में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

यह भी पढ़ें : बालासाहेब ठाकरे 'इटैलियन मम्‍मी' कहकर उड़ाते थे मजाक, उसी कांग्रेस से समर्थन की भीख मांग रहे उद्धव ठाकरे

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर से पांच चरणों में चुनाव होंगे. यहां भाजपा को जनता दल-यूनाइटेड (JDU) से भी मुकाबला करना होगा. जद-यू ने राज्य की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद जद-यू ने लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन किया था, जिसने बिहार में बीजेपी को हाशिये पर खड़ा कर दिया था. हालांकि जून 2017 में जद-यू गठबंधन से बाहर आ गया और राज्य में सरकार बनाने के लिए दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जद-यू ने राज्य में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा. हालांकि मंत्रिमंडल में मन का विभाग न मिलने से नीतीश की पार्टी ने मोदी सरकार में शामिल होने से मना कर दिया.

यह भी पढ़ें : 'बालासाहेब की सेना से सोनिया सेना तक..', जानें शिवसेना के लिए किसने कही यह बड़ी बात

दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने पर नीतीश ने भी राज्य में मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सहयोगी भाजपा को ज्यादा महत्ता नहीं दी. जद-यू ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी तीन-तलाक विधेयक को भी संसद में समर्थन नहीं दिया.

झारखंड में 2012 तक हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भाजपा की सहयोगी पार्टी थी, लेकिन झामुमो ने भी भाजपा को धोखा दे दिया और कांग्रेस के साथ चली गई. झामुमो-कांग्रेस-राजद के महागठबंधन ने पहले ही राज्य में साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसमें सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.

यह भी पढ़ें : कट्टर हिन्‍दुत्‍व या अपना मुख्‍यमंत्री, शिवसेना को दोनों में से एक को छोड़ना होगा

झामुमो 43 सीटों पर, कांग्रेस 31 सीटों पर और शेष सात सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी. राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनाव होगा. मतगणना 23 दिसंबर को होगी.

(With IANS Input)