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झारखंड : कुएं में गिरे बछड़े को बचाने गए दो लोगों की दम घुटने से हुई मौत

इसके बाद रविवार को घटना स्थल पर रांची से पहुंची एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने मृत बछड़े सहित दोनों शवों को बाहर निकाला और कुआं को पूरी तरह मिट्टी पत्थर से ढक दिया है.

Updated on: 09 Sep 2019, 05:10 PM

रांची/दुमका:

झारखंड के दुमका जिले के हंसडीहा थाना क्षेत्र के सिल्चर गांव में कुंआ में गिरे एक गाय के बछड़े को बचाने के लिए कुंए में उतरे दो व्यक्ति अपनी जान से हाथ धो बैठे. घटना शनिवार दोपहर की है. इसके बाद रविवार को घटना स्थल पर रांची से पहुंची एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने मृत बछड़े सहित दोनों शवों को बाहर निकाला और कुआं को पूरी तरह मिट्टी पत्थर से ढक दिया है. बताया जाता है कि रविवार दोपहर कुआं में पाराफिट नहीं होने के कारण गाय का एक बछड़ा गिर गया था.

पत्नी के हल्ला करने पर उसका पति सुदेश बछड़े को बचाने के लिए बांस की सीडी लेकर कुआं में उतरा लेकिन कुआं में गैस होने के उसका दम घुटने लगा. यह बात पत्नी को कहते ही वह बेहोश होकर सीढ़ी से कुऐ में गिर गया.

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पत्नी ने यह देख हल्ला किया जिसके बाद आस-पास के ग्रामीण मौके पर जुट गये लेकिन किसी की भी सुदेश को निकालने की हिम्मत नहीं हुई. इसी भीड़ में रामजीवन नामक युवक ने हिम्मत दिखाई और सुदेश को निकालने के लिए जर्जर कुंआ के अंदर चला गया. लेकिन रामजीवन भी कुंआ में गैस का शिकार होकर बेहोश हो गया और कुंआ के अंदर जा गिरा. दो लोगों को गिरते देख ग्रामीणों को कुऑ के अंदर उतरने की हिम्मत नहीं हुई. जिसके बाद रातभर बछड़ा सहित सुदेश और रामजीवन कुऐँ के अंदर ही रहे. प्रशासन ने इन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) का सहारा लेना जरूरी समझा ओर इसकी खबर रांची की एनडीआरएफ टीम को दी.

इसके बाद रांची से एनडीआरएफ की टीम पहुंची जहां बछड़ा और दोनों शवों को कुआं से निकाला और कुआं को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. इससे पहले एनडीआरएफ की टीम ने पहले जर्जर कुंआ में फैले मीथेन गैस को निकाला और टेस्ट के लिए लालटेन जलाकर कुंआ के अंदर डाला. जब गैस खत्म हो जाने की संतुष्टि मिली तो फिर अपना रेस्क्यू का कार्य शुरू किया. फिलहाल गांव में दो लोगों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है.