logo-image

तील तलाक के खिलाफ बने कानून के चलते फिर बसा महिला का घर, जानें पूरा मामला

दरअसल दुमका में कुछ दिन पहले अपनी पत्नी को तीन तलाक कह कर घर से निकाल देने के बाद गिरफ्तार हुए शख्स को अंतत: तब राहत मिली जब वह पत्नी के साथ पुनः रहने के लिए तैयार हुआ और सुलह करने के बाद ही उसे जमानत मिल सकी.

Updated on: 25 Oct 2019, 12:10 PM

Ranchi/Dumka:

देश मे बने तीन तलाक के खिलाफ बने कानून का ही परिणाम है जो अब मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने लगा है. दरअसल दुमका में कुछ दिन पहले अपनी पत्नी को तीन तलाक कह कर घर से निकाल देने के बाद गिरफ्तार हुए शख्स को अंतत: तब राहत मिली जब वह पत्नी के साथ पुनः रहने के लिए तैयार हुआ और सुलह करने के बाद ही उसे जमानत मिल सकी. दरअसल पति-पत्नी में तीन तलाक की स्थिति मामूली कहासुनी के बाद पैदा हई थी. बीबी को तीन तलाक कहकर घर से निकालने वाले शौहर करीम अंसारी को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था. करीम अंसारी के खिलाफ 20 सितंबर को पुलिस ने नये कानून के तहत मामला दर्ज किया था.

जिसके ज़मानत की अर्जी को लेकर सुनवाई बुधवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार यादव के न्यायालय में चल रहा था. दोनों पक्ष के लोग न्यायालय में आये थे. साथ ही शौहर करीम अंसारी को भी जेल से सुनवाई के समय लाया गया था.

उसने कहा कि वह पत्नी को ठीक से रखेगा. शिकायत का मौका नहीं देगा. सुनवाई के दौरान सहायक लोक अभियोजक राम किंकर पांडेय ने कोर्ट से अनुरोध किया कि जमानत देने पर करीम अंसारी को यह निर्देश दिया जाये कि वह अपनी पत्नी को प्रत्येक तारीख पर साथ लेकर आये, क्योंकि यह पहला मामला है जिसमें तलाक के बाद भी अपनी पत्नी को अपनाने में किसी प्रकार की दिक्कत नही हो. न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार यादव ने दोनों पक्ष से आये लोगों को भी समझाया कि यह कानून नही बल्कि समाज की ड्यूटी है कि दंपति का घर बस जाये. न्यायिक दंडाधिकारी ने करीम अंसारी को इस शर्त पर जमानत दे दी कि करीम अंसारी आरोप गठन तक प्रत्येक तारीख पर अपनी पत्नी को लेकर न्यायालय आयेगा.

यह भी पढ़ें- बिहार उपचुनाव रिजल्ट: एक नजर में जानें कौन हारा कौन जीता

पत्नी सकीना के आवेदन पर पुलिस ने उसे दहेज प्रताड़ना के साथ सेक्शन 4 बी यानी मुस्लिम वूमेंस प्रोटेक्शन आफ राइट आन मैरिज एक्ट 2019 का आरोपी बनाया था. बाद में पुलिस ने शौहर को गिरफ्तार भी किया था. शौहर पर आरोप था कि उसने रात के ग्यारह बजे बीबी को तीन बार तलाक कहकर घर से निकाल दिया था. इतना ही नहीं उसने तीन बेटियों को अपने पास रख लिया. जिसकी शिकायत महिला के परिजनों ने थाना में जाकर की थी.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने जुलाई माह में तीन तलाक को अपराध का दर्जा दिया है. कानून बनने के बाद पहली बार जिले में किसी व्यक्ति पर नए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. शिकारीपाड़ा प्रखंड के शिवतल्ला गांव की सकीना का निकाह इसी प्रखंड के सिमरा गांव के करीम अंसारी के साथ 2009 में हुआ था. शादी के दस साल के दरम्यान सकीना ने तीन बेटियों को जन्म दिया. दो साल से शौहर और बीबी के बीच किसी न किसी बात को लेकर कहासुनी हो जाती थी. सास और ससुर भी उसे प्रताड़ित करने लगे थे.

मामले को लेकर कई बार गांव में पंचायती भी हुई लेकिन पति की हरकत में सुधार नहीं आया. घटना के एक दिन पहले उसके शौहर ने रात में सकीना की जमकर पिटायी की. बेटियों को अपने पास रख रात 11 बजे तीन बार तलाक कहकर घर से निकाल दिया था.