logo-image

झारखंड विधानसभा का सत्र 6 से 8 जनवरी तक, स्टीफन मरांडी होंगे कार्यवाहक अध्यक्ष

नवनिर्वाचित पंचम झारखंड विधानसभा का प्रथम सत्र 6 से 8 जनवरी तक आयोजित होगा, जिसमें सात जनवरी को सुबह 11.30 बजे राज्यपाल का अभिभाषण होगा.

Updated on: 30 Dec 2019, 07:57 AM

रांची:

नवनिर्वाचित पंचम झारखंड विधानसभा का प्रथम सत्र 6 से 8 जनवरी तक आयोजित होगा, जिसमें सात जनवरी को सुबह 11.30 बजे राज्यपाल का अभिभाषण होगा. नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथग्रहण के लिए झामुमो के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है.

यह भी पढ़ेंः हेमंत सोरेन की 'बदलाव यात्रा' ने बदली झारखंड की सत्ता और सियासत

झारखंड के मंत्रिमंडल सचिव अजय कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में नयी सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंचम झारखंड विधानसभा का तीन दिवसीय प्रथम सत्र 6 से 8 जनवरी तक आयोजित करने का निर्णय लिया. मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार सत्र के प्रथम दिन छह जनवरी 2020 को झारखंड विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलायी जाएगी और दूसरे दिन सात जनवरी 2020 को झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम 8 (1) के अधीन नए विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाएगा.

मंत्रिमंडल सचिव के मुताबिक, भारत के संविधान के अनुच्छेद 176 (1) के अधीन दोपहर 11.30 बजे विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा. सात जनवरी को ही वित्त वर्ष 2019-2020 की द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पेश की जाएगी. प्रथम सत्र के अंतिम दिन आठ जनवरी 2020 को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा और इस पर चर्चा के उपरांत सरकार का उत्तर तथा मतदान कराया जाएगा. 8 जनवरी को ही वित्त वर्ष 2019-2020 की द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर सामान्य वाद-विवाद, मतदान और विनियोग विधेयक पेश किया जायेगा और उसी दिन इसे पारित कराया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः PM मोदी ने झारखंड के CM के रूप में शपथ लेने के लिए हेमंत सोरेन को बधाई दी, दिया ये आश्वासन

इससे पहले झारखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथग्रहण के तुरंत बाद शाम लगभग 5 बजे अपना कार्यभार संभाला और अपने तीन अन्य मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ मंत्रिमंडल की पहली बैठक भी की. मुख्यमंत्री द्वारा अपना कार्यभार संभालने के बाद मुख्य सचिव ने पुस्तक देकर मंत्रालय में उनका अभिनंदन किया. मुख्यमंत्री का मंत्रालय के अधिकारियों, एवं कर्मियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री कार्यालय को नमन कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हुए.