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झारखंड में बीजेपी की करारी हार पर सरयू राय बोले- केंद्र ने पार्टी का 'ठेका' ही रघुवर को दिया था

सरयू राय ने बीजेपी की करारी हार और झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन की जीत को अहंकार पर संस्कार की जीत बताया.

Updated on: 27 Dec 2019, 07:16 AM

रांची:

झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास को उनके सबसे सुरक्षित क्षेत्र जमशेदपुर (पूर्व) में पटखनी देने वाले राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का मुख्यमंत्री दास को पार्टी का ठेका दे देना पार्टी पर भारी पड़ा. बीजेपी की करारी हार और झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन की जीत को अहंकार पर संस्कार की जीत बताते हुए सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री दास के पास बदजुबानी और बेईमानी जुड़ गई थी और अहंकार हो गया था, जिस कारण उनको हार का सामना करना पड़ा.

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आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में सरयू राय ने कहा कि पिछले काफी दिनों दास झारखंड में अलोकप्रिय हो गए थे, जिसे पार्टी का नेतृत्व समझ नहीं सका और पार्टी का पूरा ठेका उन्हीं (रघुवर दास) को दे दिया गया. उन्होंने कहा कि दास अपने मन की करते चले गए, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा. झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को छोड़कर जमशेदपुर (पूर्व) से बतौर निर्दलीय चुनाव में उतरने और मुख्यमंत्री को पटखनी देने वाले राय ने झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन के साथ जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा, 'मैं कहीं नहीं जा रहा. मैं तटस्थ रहूंगा, ना इधर ना उधर. राज्यहित, जनहित और देशहित की काम करूंगा. मेरा निर्णय गुण और दोष के आधार पर होगा. इस कारण मैं तटस्थ रहूंगा." जो इन सभी चीजों के हित में होगा, वह करूंगा.'

उन्होंने अपनी जीत को जमशेदपुर के लोगों की जीत बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री के परिवार से पिछले पांच वर्षो से अक्रांत थे और इस भय से छुटकारा चाहते थे. सरकार की ओर से जो गलत काम हो रहे थे, उसकी खबर मीडिया और सोशल मीडिया से लोगों को मिल रही थी, जिस कारण लोग रघुवर दास को सबक सिखाने की ठानी थी. उन्होंने कहा, 'मैंने तो केवल एक आवाज उठाई थी, उसके बाद लोग मुझे हाथों हाथ ले लिए. मैंने तो कुछ किया ही नहीं. पूरा चुनाव ही वहां की जनता लड़ी और चुनाव जीती है.' राय ने टिकट काटे जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि राजनीति करने का मतलब स्वाभिमान से समझौता करना नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंचाई थी. यह कारण है कि मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी.

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चर्चित चारा घोटाले का पर्दाफाश करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले राय ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी. भ्रष्टाचार करने वालों का सही जगह जेल है. झामुमो के नेता हेमंत सोरेन के विषय में पूछे जाने पर सरयू राय ने बेबाकी से कहा कि सोरेन युवा हैं, शिक्षित है, मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं. मेरी इच्छा है कि हेमंत सोरेन मजबूत और स्थिर सरकार बनाएं और उसे बेहतर ढंग से चलाएं.

जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने को पहली प्राथमिकता बताते हुए राय ने कहा, 'मुझे जमशेदपुर के लोगों ने जिताया है, इसलिए उनकी पहली प्राथमिकता यह रहेगी कि वह जनता की उम्मीद पर खरा उतरेंगे. लोगों के विश्वास को वह कभी नहीं तोड़ेंगे. जन सरोकार करना उनका पहला दायित्व होगा.' बता दें कि सरयू राय बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं की सूची में शामिल थे. स्वच्छ छवि के नेता के रूप में पहचान बना चुके राय ने झारखंड चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों की चौथी सूची में भी नाम नहीं होने पर नाराज होकर अपनी सीट जमशेदपुर (पश्चिम) छोड़कर जमशेदपुर (पूर्व) से बतौर निर्दलीय मुख्यमंत्री रघुवर दास के विरोध में चुनावी मैदान में उतर गए और दास को हार का मुंह देखना पड़ा.