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News State की खबर का हुआ असर, प्राचीन धरोहर को संरक्षित करने में लगे NGO की होगी जांच

जांच के लिए तीन सदस्यी कमिटी बनायी जा रही है.

Updated on: 19 Jul 2019, 01:22 PM

Ranchi/Dumka:

न्यूज़ स्टेट की खबर का हुआ असर, झारखंड के पर्यटन विकास मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि देव भूमि मलूटी में जीर्णोद्धार हो रहे मंदिरों के मौलिकता से हो रही छेड़छाड़ की जांच होगी. जांच के लिए तीन सदस्यी कमिटी बनायी जा रही है. इस जांच में जिले के उपायुक्त, सीओ, आरकोलॉजिकल विभाग के अधिकारी, एसपी कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य और इतिहासकार एस पी झा, एनजीओ के प्रतिनिधि या अधिकारी, मंदिर संस्था से जुड़े ग्रामीण के अलावा कई पदाधिकारी मौजूद होकर अपनी जांच रिपोर्ट सौपेंगे.

इस टीम में खुद मंत्री रहेंगे शामिल, इधर पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने मंदिरों का निरीक्षण किया और विफर पड़े. उन्होंने मलूटी में मौजूद एनजीओ के पदाधिकारी और कर्मियों को ऐसे हो रहे कार्य पर झाड़ लगाई. उन्होंने ध्वस्त हो रहे मंदिरों पर अपनी चिंता जताई है. मौके पर मंदिर से जुड़े बब्लू चटर्जी और पत्नी सहित अन्य ग्रामीणों ने मंदिर जीर्णोद्धार को लेकर काफी शिकायत की है.

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मंत्री जी ने कहा कि इसके संरक्षण निर्माण कार्य की जांच चल रही है. पर्यटन विकास मंत्री ने एनजीओ के पदाधिकारी को प्राथमिकता के आधार पर गिर रहे मंदिर को सहेजने को कहा है. उन्होंने मंदिर पर उग आये पौधे को हटाकर जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया है. दुमका जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर मंदिरों का गांव कहे जाने वाले देव भूमि मलूटी में 1680 में करमुक्त राजा बाज बसंत ने 108 मंदिर और 108 तालाब का निर्माण कर मलूटी को उपराजधानी बनाया था. लेकिन समय के थपेड़ों में उचित देख भाल के आभाव में धीरे-धीरे मंदिर ध्वस्त होकर मात्र 72 मंदिर और कुछ तालाब शेष रह गये हैं.

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इधर बिहार से झारखंड अलग होने के बाद 26 जनवरी 2015 में भारत सरकार ने मलूटी को विश्व पटल के नक्शे पर लाने के लिए दिल्ली राजपथ पर मलूटी की झांकी प्रस्तुत की जिससे लोगों के सामने मलूटी के गांव का नाम सामने आया. मलूटी के संरक्षण के लिए राज्य सरकार के देखरेख में एक एनजीओ को जिम्मा दियी गया है लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि एनजीओ मलूटी का गलत तरीके से जीर्णोद्धार करा रही है और उसे इस काम की जानकारी का आभाव भी है. ऐसे में मंदिर की मौलिकता संकट में है साथ ही खराब मंदिर को छोड़ बेहतर मंदिर जो ठीक ठाक है उसपर कार्य कराया जा रहा है.

ऐसे में मंदिर ध्वस्त हो रहे हैं यही नहीं ग्रामीणों के मुताबिक सुरखी चूना का इस्तेमाल ना कर अन्य सामाग्रियों के इस्तेमाल से वर्षों की यह धरोहर अपनी पहचान से दूर होते जा रहे हैं. प्रदेश के पर्यटन विकास मंत्री अमर बाउरी ने इन शिकायतों को देख रेख के लिए कमिटी बनाकर जांच करने का निर्णय लिया है.