logo-image

झाविमो का बीजेपी में हुआ विलय, बाबूलाल मरांडी ने अमित शाह की मौजूदगी में थामा हाथ

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (JVM) प्रमुख बाबूलाल मरांडी की भारतीय जनता पार्टी में वापसी हो गई है.

Updated on: 17 Feb 2020, 03:09 PM

रांची:

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (JVM) प्रमुख बाबूलाल मरांडी की भारतीय जनता पार्टी में वापसी हो गई है. बाबूलाल मरांडी ने फिर से बीजेपी ज्वॉइन करने के साथ अपनी पार्टी का भी विलय कर दिया है. राजधानी रांची में कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह की उपस्थिति में बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ कर दिया.

यह भी पढ़ेंः चुनाव से पहले बाबूलाल मरांडी की पार्टी का BJP में विलय होता तो झारखंड विधानसभा की तस्‍वीर कुछ और होती

गृह मंत्री अमित शाह ने झाविमो के भगवा पार्टी में विलय होने पर बाबूलाल मरांडी के बीजेपी में शामिल होने का स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी और पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से बाबूलाल मरांडी जी और उनके साथ आए झारखंड विकास मोर्चा के लाखों कार्यकर्ताओं का स्वागत करता हूं और विश्वास भी दिलाता हूं कि आप अपने ही घर में आए हैं.' अमित शाह ने कहा कि मुझे खुशी है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में लौट आए हैं, मैं 2014 से उनकी वापसी के लिए काम कर रहा था.

उन्होंने कहा, 'झारखंड की महान भूमि को अलग राज्य की पहचान देने का काम पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया. जब मुख्यमंत्री बनाने का मौका भाजपा को मिला, तो बाबूलाल मरांडी को ही हमने मुख्यमंत्री बनाया. आज मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है, क्योंकि मैं जब 2014 में पार्टी का अध्यक्ष बना, तभी से ये प्रयास कर रहा था कि बाबूलाल जी भाजपा में आ जाये. बाबूलाल जी के भाजपा में आने से पार्टी के स्थानीय नेतृत्व को अनुभवी और संघर्षरत नेता मिलेगा और इससे भाजपा की ताकत अनेक गुना बढ़ेगी.'

यह भी पढ़ेंः लोकतंत्र में असहमति का स्वागत है, लेकिन देश को तोड़ने की बात नहीं कर सकते: नायडू

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ने के 14 साल बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 11 फरवरी को भगवा पार्टी में अपनी वापसी की घोषणा की थी. हाल ही में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में झाविमो ने बीजेपी से अलग हटकर चुनाव लड़ा था और तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि झाविमो अपने दो विधायकों बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद झाविमो ने हेमंत सोरेन की सरकार को समर्थन दिया था, मगर पार्टी नेताओं की बगावत के बाद बाबूलाल मरांडी ने फिर से बीजेपी में वापसी का फैसला लिया था.