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नीति आयोग के राज्य सूचकांक इंक्रीमेंटल ग्रोथ में झारखंड को मिला तीसरा स्थान

वर्ष 2000 में झारखण्ड में मातृ मृत्यु दर 400 प्रति लाख थी जो घटकर 165 प्रति लाख हो गई, शिशु मृत्यु दर जो 72 प्रति हजार थी वह घटकर 29 प्रति हजार हो गई.

Updated on: 09 Aug 2019, 10:57 AM

रांची:

नीति आयोग के राज्य सूचकांक में इंक्रीमेंटल ग्रोथ के लिए झारखण्ड को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. झारखण्ड 2014 के बाद से लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार कर रहा है. वर्ष 2000 में झारखण्ड में मातृ मृत्यु दर 400 प्रति लाख थी जो घटकर 165 प्रति लाख हो गई, शिशु मृत्यु दर जो 72 प्रति हजार थी वह घटकर 29 प्रति हजार हो गई. संस्थागत प्रसव जो मात्र 13.50 प्रतिशत थी वह बढ़कर 80 प्रतिशत हो गई, पूर्ण टीकाकरण की दर 9 प्रतिशत से बढ़कर 87 प्रतिशत हो गई. पूरे देश में अस्पतालों में ओपीडी सेवा प्रदान करने में झारखण्ड तीसरा स्थान रखता है. ये तथ्य बताते हैं कि राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की दिशा में अग्रसर है. ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित हेल्थकेयर समिट झारखण्ड-2019 के उद्घाटन समारोह में कही.

2 करोड़ 85 लाख गरीब लोग गोल्डेन कार्ड से होंगे आच्छादित

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 सितंबर तक राज्य के 2 करोड़ 85 लाख लोग आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड से आच्छादित होंगे. झारखण्ड के 57 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देना है. 39, 13,000 परिवारों को गोल्डेन कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है. यह सरकार के लिए खुशी की बात है कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ अबतक 2, 26, 000 लाभुक ले चुके हैं. इसके लिए 206 करोड़ की राशि खर्च की गई है. योजना का अधिक से अधिक लाभ गरीबों को देने के लिए जमशेदपुर में 300 बेड का अस्पताल की व्यवस्था की गई है, जहां सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाले मरीजों का इलाज सुनिश्चित होगा.

राज्य के 429 निजी एवं 219 सरकारी अस्पताल योजना के तहत सूचीबद्ध हैं. सरकार 16 अगस्त 2019 से प्रज्ञा केंद्रों में बनने वाले गोल्डेन कार्ड में लिये जा रहे शुल्क को भी गरीबों के लिए माफ करेगी. उक्त राशि का भुगतान सरकार करेगी. लाभुक को इसके लिए राशि देने की जरूरत नहीं होगी.

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प्रत्येक वार्ड में 16 अगस्त से खुलेगा अटल क्लिनिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र में श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्य तिथि 16 अगस्त से प्रत्येक वार्ड में अटल क्लिनिक शुरू की जा रही है.

108 एम्बुलेंस बना हर दिन 8 हजार मरीजों के इलाज का माध्यम

मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 एम्बुलेंस की सुविधा राज्य के लोगों को मिल रही है. प्रति दिन करीब 5 हजार कॉल प्राप्त हो रहें हैं. 8 हजार मरीजों का इलाज 108 एम्बुलेंस सुनिश्चित कर रहा है. जनजातीय क्षेत्र में यह सेवा अधिक कारगर है. सीएसआर के माध्यम से भी सरकार सुदूरवर्ती क्षेत्र में बाइक एम्बुलेंस की सुविधा गरीबों को उपलब्ध करा रही है.

निवेशक निवेश करें सरकार सुविधा देगी

समिट में आये निवेशकों से मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई निवेशक ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण करता है तो सरकार जमीन की 75 प्रतिशत राशि, प्रखंड मुख्यालय में 50 प्रतिशत राशि एवं शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत राशि माफ करेगी. आपका निवेश (सिंगल डोर) एक ही माध्यम से होगा. अलग अलग जगह जाने की जरूरत नहीं होगी. अगर किसी तरह की समस्या होती है तो निवेशक सरकार को बताएं उसका त्वरित समाधान भी होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1991 के उदारीकरण के बाद स्वास्थ्य और शिक्षा का बाजारीकरण हुआ है. अगर हमें गरीब और अमीर के बीच की खाई को समाप्त करना है तो इन दोनों क्षेत्रों में विशेष कार्य करने की जरूरत है.

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की ओर हम अग्रसर हैं

मंत्री, स्वास्थ्य विभाग रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है. लोगों को उनके द्वार तक स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं. 25 सितंबर को 57 लाख परिवारों को गोल्डेन कार्ड दिया जाएगा. आयुष्मान भारत योजना में 32 लाख अतरिक्त परिवार को सरकार ने जोड़ा है. विगत 10 माह में 2 करोड़ 19 लाख मरीजों का इलाज योजना के तहत किया गया है. वर्तमान सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की है. निजी अस्पताल के लिए भी निवेशक आगे आएं.

टेली हेल्थ में संभावनाएं हैं

सदस्य नीति आयोग डॉ विनोद कुमार पॉल ने कहा कि टेली हेल्थ में संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में ब्रॉड बैंड और सैटेलाइट से मदद ले सकते हैं. इसरो में इस संबंध में बात हुई है. सरकार अगर चाहेगी तो हम आगे बढ़ सकते हैं. मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर ई- हेल्थ मैगजीन का विमोचन भी किया. इस अवसर पर सचिव विभाग डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, निदेशक रिम्स डॉ डी के सिंह, मुख्य कार्य पदाधिकारी इलेक्ट हेल्थकेयर डॉ रवि गुप्ता, राज्य के अधिकारी, अस्पतालों के संचालक व अन्य उपस्थित थे.