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हाथियों के झुंंड ने ली वनकर्मी की जान, पैरों से कुचलकर उतारा मौत के घाट

वहीं वन विभाग के निर्देश पर वन कर्मी हाथियों को छत्तीसगढ़ की सीमा में भगा रहे थे इसी बीच गुस्साए एक हाथी ने मुंशी रामदरश पर हमला कर दिया.

Updated on: 12 Oct 2019, 10:57 AM

New Delhi:

मध्‍य प्रदेश और और उत्‍तर प्रदेश की सीमा पर गोभा ग्राम पंचायत के टोला बईरहवा, ननियागढ़, सहित यूपी के सिरसोती गांव वाले इलाके में भटक कर आये हाथियों के झुंड ने शुक्रवार की शाम को जम कर तांडव मचाया. वहीं वन विभाग के निर्देश पर वन कर्मी हाथियों को छत्तीसगढ़ की सीमा में भगा रहे थे इसी बीच गुस्साए एक हाथी ने मुंशी रामदरश पर हमला कर दिया. हाथियों ने वन कर्मी को पैरों तले कुचल दिया जिससे देर शाम उनकी मौत हो गई. दरअसल हाथियों का झुंड बीजापुर थाना क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ रहे थे जिसके बाद वन विभाग ने अपने कर्मियों को उनको भगाने का आदेश दिया था.

वन कर्मी के मौत की खबर लगते ही महकमे में हड़कम्प मच गया. अधिकारियों के निर्देश पर लोगों को सावधानी बरतने की ध्वनि प्रचारक यंत्र से हिदायत दी जाने लगी. भटके हाथियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद से जंगलों में निगरानी रक्खी जा रही है. इसी बीच गोभा गांव के एक किसान के बैल को भी एक हाथी के जद में ले लिया जिससे बैल की भी मौत हो गयी.

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ननियागढ़ और बईरहवा सहित गोभा गांव में हाथियों के झुंड ने दर्जनों लोगों के खपरैल वाले घर, टिन शेड को भी तहस-नहस कर दिया है. किसानों की फसल अरहर, धान, मक्का, तिल्ली, उर्द, केला आदि जो भी सामने दिखाई दिया सब के सब उजाड़ कर बराबर कर दिया. हाथियों के डर से ग्रामीण समूचे दिन अपने अपने घरों में ही दुबके रहे वहीं डर के मारे बच्चे शनिवार को भी दिन में स्कूल नहीं गए. लोग फोन पर वन बिभाग और जिला प्रशासन को पल पल की जानकारी देते रहे खबर लिखे जाने तक गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है.

वहीं वन विभाग के कर्मचारी हाथियों को छत्‍तीसगढ की सीमा में प्रवेश कराने के लिए रात दिन ढोल नगाड़े, से आवाज कर जगह जगह आग जला कर भगाने के लिए प्रयास में लगे रहे. हालांकि हाथियों का मूवमेंट शनिवार सुबह तक क्षेत्र में बनी रही. दूसरी ओर पुलिस ने मृत वन कर्मी के शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया है. सतर्कता के लिए क्षेत्र में वन विभाग के अतिरिक्‍त कर्मचारियों को लगा दिया गया है ताकि किसी अनहोनी को टाला जा सके. पूर्व में भी इस क्षेत्र में हाथियों का लंबे समय तक उत्‍पात देखा गया है.