logo-image

झारखंड में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बांस उत्पादन पर दिया जोर, महिलाएं आर्थिक रूप से हो रहीं सशक्त

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से भरा प्रदेश है. यहां विकास की अनंत संभावनाएं हैं. सांस्कृतिक विविधता से राज्य की विशिष्टता है

Updated on: 18 Sep 2019, 10:14 PM

रांची:

झारखंड में पहली बार बांस कारीगर मेला 2019 का उद्घाटन हुआ. झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. उद्घाटन समारोह में झारखंड राज्य के सभी बांस कारीगरों को बधाई देते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड विकास की ओर लगातार अग्रसर है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा एक से बढ़कर एक कार्य आमजनों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए किए गए हैं.

यह भी पढ़ें - बिना हेलमेट बाइक चलाने वाले इस शख्स का नहीं कटता चालान, जानिए क्या है वजह

झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से भरा प्रदेश है. यहां विकास की अनंत संभावनाएं हैं. सांस्कृतिक विविधता से राज्य की विशिष्टता है. सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारा के साथ रहते हैं. यहां के लोगों में विभिन्न प्रकार की कला एवं हुनर मौजूद है. जनजातीय समुदाय के लोग भी अपने हुनर से पूरे राज्य में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. किसी भी राष्ट्र और राज्य के समग्र विकास के लिए उद्योग स्थापित करना अति महत्वपूर्ण है.

यह भी पढ़ें - सीतामढ़ी में कला जत्था की टीम नुक्कड़ नाटक के जरिए दलितों को कर रहे जागरूक 

उद्योग ही राष्ट्र और राज्य के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कुटीर उद्योग, लघु उद्योग सभी राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. वैश्विकरण के युग में इसकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो चुका है. केंद्र तथा राज्य सरकार लघु तथा कुटीर उद्योग के विकास हेतु कई पहल किये जा रहे हैं. यह राज्य के विकास के साथ-साथ राज्य में रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम है. बांस आधारित उद्यम इसी के कड़ी के रूप में जाना जाता है.

यह भी पढ़ें - जिस लिव-इन पार्टनर की लाश पर रो रही थी लड़की, वही निकली कातिल

झारखंड में प्राकृतिक रूप से बांस की उपलब्धता सुलभ है. यहां विभिन्न प्रकार के बांस उपलब्ध हैं. राज्य में लगभग 6 लाख बांस कारीगर उपलब्ध हैं. जिनमें अधिकांशतः अनुसूचित जाति एवं जनजातीय समाज के लोग हैं. उन्होंने कहा कि यहां के लोग बांस की खेती से लेकर बांस से होने वाले विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं. इनसे इनके जीवन में भी सुधार आ रहा है. भारतीय समाज में बांस को शुभ माना जाता है. कई शुभ कार्य मे बांस से बने वस्तुओं का उपयोग किया जाता है. सौभाग्य की बात है भारत के जिन राज्यों में सबसे अधिक बांस का उत्पादन होता है उनमें झारखंड भी प्रमुख है.

यह भी पढ़ें - J&K के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने PoK हासिल करने के लिए चला ये नया दांव

भारत सरकार द्वारा वन अधिनियम में संशोधन कर अगरबत्ती निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है. दुमका जिला में भी बांस से अगरबत्ती का निर्माण किया जा रहा है. यहां की महिलाएं अगरबत्ती निर्माण से जुड़ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है. इन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है ताकि वे इस दिशा में और भी बेहतर कर सकें. राज्य सरकार द्वारा बांस के परंपरागत शिल्प कारों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान करने तथा उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए बांस का अभिमान कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है.

यह भी पढ़ें - दिल्ली में चल रहा था फर्जी पासपोर्ट सेवा केंद्र, 100 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी 

मनरेगा के तहत राज्य में उन्नत किस्म के बांस की खेती की जा रही है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बांस से बनी वस्तुओं का मांग पूरे विश्व में बढ़ा है. आज सरकार ने फ्लिपकार्ट से एमओयू किया है ताकि यहां के कारीगरों द्वारा उत्पादित सामग्रियों को देश विदेशों में बेचा जा सके. मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में हमारे हुनरमंद शिल्पकार देश-विदेशों में अपनी एक अलग पहचान बनायेंगे. इस क्षेत्र में निवेश की काफी संभावना है. मुझे विश्वास है कि उद्यमी इस क्षेत्र में निवेश हेतु आवश्यक पहल करेंगे ताकि यहां के संसाधनों का बेहतर ढंग से उपयोग हो सके तथा यहां के लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें. राज्य सरकार उद्योग स्थापित करने के लिए कई मदद कर रहे हैं.

8 लाख 90 हज़ार का दिया चेक

आउटडोर स्टेडियम दुमका में 2 दिवसीय बांस कारीगर मेला के उदघाटन समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा पांच बास कारीगर महिला समूहों को 8 लाख 90 हज़ार रुपये का चेक दिया गया. इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा इन समूहों को यह राशि लॉन के रूप में दिया गया है. इस राशि से वे बांस से होने वाले सामानों का निर्माण करेंगे. उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा. नयी नयी तकनीक का उपयोग कर बांस से निर्मित सामग्रियों का निर्माण करेंगी.

उद्घाटन समारोह में किया पुस्तक का विमोचन

आउटडोर स्टेडियम दुमका में 2 दिवसीय बांस कारीगर मेला का विधिवत उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया गया. बड़ी संख्या में लोग देश-विदेश से इस मेला में भाग लेने आए हैं. बांस शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए यह आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. यहां के शिल्पकार नई-नई तकनीक सीख कर अपने जीवन स्तर में सुधार लाएंगे. इसी क्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सहित सभी अतिथियों द्वारा बंबू रिसोर्स स्टेटस एंड बिज़नेस अपॉर्चुनिटी इन झारखंड पुस्तक का विमोचन किया गया.

बंबू टूल किट का किया वितरण

आउटडोर स्टेडियम दुमका में 2 दिवसीय बांस कारीगर मेला के उदघाटन समारोह में माननीय राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा पांच बांस कारीगरों के बीच बंबू टूल किट का वितरण किया गया. मकर चंद मोहाली, रंजन मांझी, दिनेश मोहली, अमित तुरी तथा अनूप मोहली के बीज टूल किट का वितरण किया गया. इधर अपने संबोधन में मुख्य सचिव डी के तिवारी ने कहा कि बांस उद्योग में आपार संभावनाए हैं. झारखंड में बांस को फसल की तरह पैदा करने की जरूरत है. बांस की गुणवत्ता बढ़ानी है. बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है. 6 लाख से अधिक झारखण्ड़ के बांस कारीगर को लाभ मिले. रोजगार के कई अवसर हैं. इस दौरान राज्यपाल ने प्रशिक्षण के लिए लाये गये सभी मशीन के साथ बांस द्वारा बनाये गए सामग्रियों का निरीक्षण किया. कार्यक्रम में दुमका के डीसी, एसपी डीडीसी सहित तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे.