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हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल के विस्तार पर मंथन, कई विधायक दिल्ली में जमे

झारखंड में खरमास के बाद एक-दो दिनों में मंत्रिमंडल के विस्तार की पूरी संभावना है.

Updated on: 15 Jan 2020, 11:20 AM

नई दिल्ली:

झारखंड (Jharkhand) में खरमास के बाद एक-दो दिनों में मंत्रिमंडल के विस्तार की पूरी संभावना है. इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इस बीच मंत्रिमंडल में जगह पाने को लेकर झारखंड की राजनीति दिल्ली (Delhi) शिफ्ट हो गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कांग्रेस के कई विधायक दिल्ली में जमे हुए हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, राजद और झामुमो के गठबंधन के चुनाव जीतने के बाद 29 दिसंबर को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ कांग्रेस के दो और राजद के एक विधायक को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. इसके बाद से ही खरमास के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार के कायास लगाए जा रहे हैं.

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सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के छह से ज्यादा विधायक दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. वे वरिष्ठ नेता क़े सी़ वेणुगोपाल, झारखंड प्रभारी आऱ पी़ एऩ सिंह सहित दूसरे नेताओं के पास पहुंच रहे हैं.कांग्रेस कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाने का रास्ता निकालने की कोशिश में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस के आला नेताओं से सहमति बनाने में जुटे हुए हैं. सोरेन ने सोमवार को दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया है और अभी भी वह दिल्ली में हैं. उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई समस्या नहीं है, और रांची लौटते ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि झामुमो (JMM) मुख्यमंत्री सहित सात मंत्री पद और कांग्रेस के चार लोगों को मंत्री बनाना चाहती है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम को मंत्री बनाया जा चुका है. कांग्रेस राज्य के सभी प्रमंडलों से एक-एक व्यक्ति को मंत्री बनाने की चाहत रखती है, यानी कांग्रेस पांच मंत्री पद चाहती है. सूत्रों ने हालांकि बताया कि मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर प्रारंभिक सहमति बन चुकी है. प्राारंभिक तौर पर दोनों पार्टियों में विभागों को लेकर समान बंटवारा होने की संभावना है. इसमें सामाजिक क्षेत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, राजस्व स्रोत और नीतिगत मामलों से जुड़े मंत्रालयों को चार समूहों में बांटकर सहमति बनाने की कोशिश की गई है.

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झामुमो के एक नेता ने बताया कि दो-चार दिनों में कैबिनेट का स्वरूप सामने होगा. मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं, उनकी कांग्रेस के आला नेताओं से बातचीत चल रही है. कैबिनेट में कांग्रेस के किन विधायकों की भागीदारी होगी, यह आलाकमान तय करेगा.