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आर्थिक मंदी से घबराए बीजेपी नेता के बेटे ने की आत्महत्या, एक साल पहले हुई थी शादी

आशीष के आत्महत्या की खबर सुनते ही पिता कुमार विश्वजीत भी मौके पर पहुंचे और जल्दी से बेटे आशीष को फंदे से उतारकर टीएमएच ले गए

Updated on: 17 Aug 2019, 11:02 PM

highlights

  • आर्थिक मंदी के चलते बीजेपी नेता के बेटे ने की आत्महत्या
  • नौकरी जाने के डर से आशीष ने पंखे से लटककर लगाई फांसी
  • आशीष टेल्को कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब करता था

नई दिल्‍ली:

झारखंड के बारीडीह में बीजेपी नेता के बेटे ने आत्महत्या कर ली. बीजेपी नेता बारीडीह मंडल आईटी सेल के प्रभारी और बस्ती विकास समिति के मीडिया प्रभारी हैं. शुक्रवार को बारीडीह के प्रगति नगर में बीजेपी नेता कुमार विश्वजीत के बेटे आशीष कुमार (25) ने अपने कमरे में सीलिंग फैन से लटककर आत्महत्या कर ली. आशीष टेल्को खड़ंगझार स्थित एक कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब करता था. पिछले कुछ दिनों से आशीष नौकरी छूटने के डर से तनाव में था. शुक्रवार की शाम को अचानक आशीष ने खुद को कमरे में बंद कर लिया. थोड़ी देर बाद जब घर वालों ने आशीष को आवाज लगाई तब उन्हें कमरे से कोई जवाब नहीं मिला जिसकी वजह से परिजनों ने आस-पास के लोगों को इकट्ठा किया और कमरे की खड़की से देखा तो आशीष पंखे से लटका पड़ा था.

आशीष के आत्महत्या की खबर सुनते ही पिता कुमार विश्वजीत भी मौके पर पहुंचे और जल्दी से बेटे आशीष को फंदे से उतारकर टीएमएच ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिजन शव लेकर पुन: घर आ गये. मीडिया से बात-चीत करते हुए आशीष के पिता ने बताया कि वह उनका इकलौता बेटा था और पिछले साल ही उसने प्रेम विवाह किया था. आशीष टेल्को खड़ंगाझार में एक कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था, जबकि बहू एक एबीएम कॉलेज में पढ़ाती है.

जमशेदपुर के बारीडीह में बीजेपी नेता कुमार विश्वजीत का बेटा आशीष कुमार खड़ंगाझार की टेल्को कंपनी में काम करता था. यह कंपनी टाटा मोटर्स के लिए पार्ट्स बनाकर सप्लाई करती है. आशीष के पिता के मुताबिक टाटा मोटर्स में प्रोडक्शन काफी समय से रुका हुआ था, जिसका सीधा असर आशीष की कंपनी पर पड़ रहा था. इस वजह से आशीष काफी समय से डरा सहमा रहता था.

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आपको बता दें कि जमशेदपुर की कई छोटी छोटी कंपनियां टाटा मोटर्स के लिए काम कारती हैं. लेकिन आर्थिक मंदी की वजह से टाटा मोटर्स में इन दिनों जबरदस्त ब्लॉक क्लोजर चल रहा है यानि कंपनी में प्रोडक्शन रुका हुआ है, जिसकी वजह से इन कंपनियों से हजारों कर्मचारियों को निकाला जा चुका है और कितने ही लोगों को अल्टीमेटम दिया गया है. आपको बता दें कि अभी शुक्रवार को ही मारुति ने 3,000 अस्थाई कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट का नवीनीकरण नहीं किया गया.

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