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पांकी सीट से BJP उम्मीदवार शशिभूषण मेहता महिला अध्यापक हत्याकांड में बरी

अदालत ने इस मामले में अनुज कुमार सिंह, सत्यप्रकाश उर्फ छोटू, राजनाथ सिंह, संदीप कुमार पासवान और धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर को भी साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया.

Updated on: 20 Dec 2019, 05:54 PM

रांची:

रांची की एक अदालत ने पांकी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के पूर्व निदेशक शशिभूषण प्रसाद मेहता एवं पांच अन्य आरोपियों को इसी स्कूल की हिन्दी अध्यापिका सुचित्रा मिश्रा की सात वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में साक्ष्यों के अभाव में शुक्रवार को बरी कर दिया. रांची के अपर न्यायायुक्त विजय श्रीवास्तव की अदालत ने 11 मई, 2012 के इस हत्याकांड में अपने फैसले में मेहता को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया. अदालत ने इस मामले में अनुज कुमार सिंह, सत्यप्रकाश उर्फ छोटू, राजनाथ सिंह, संदीप कुमार पासवान और धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर को भी साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया. अदालत ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में वर्ष 2008 से हिन्दी अध्यापिका के पद पर कार्यरत सुचित्रा मिश्रा की 11 मई, 2012 की शाम गला दबा कर हत्या कर दी गयी थी. उसके शव को धुर्वा बांध के किनारे फेंक दिया गया था. हत्या के समय सुचित्रा गर्भवती थी. यह आरोप लगाया था कि विधवा सुचित्रा मिश्रा का शशिभूषण प्रसाद मेहता ने यौन शोषण किया था जिससे वह गर्भवती हो गयी थी और विवाह का दबाव डालने पर उसने सुचित्रा की नृशंस हत्या करवा दी थी. इसी कारण भाजपा ने वर्तमान विधानसभा चुनावों में शशिभूषण प्रसाद मेहता को पार्टी का टिकट पांकी विधानसभा सीट से देने की जब घोषणा की थी तो पार्टी के यहां हरमू स्थित प्रदेश कार्यालय पर बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शन करने वालों में मृतका सुचित्रा मिश्रा के बच्चे और मामा तथा अन्य रिश्तेदार भी शामिल थे. इस हत्याकांड में बरी होने से शशिभूषण प्रसाद मेहता पर चुनावों में जीत जाने पर भी शपथ ग्रहण न कर पाने की लटक रही तलवार टूट गयी. अन्यथा इस मामले में दोषी करार दिये जाने पर वह विधायक बनने के अयोग्य हो जाते और ऐसे में उनका जीतने पर भी शपथ लेना संशय के घेरे में था. मृतका के परिवार ने फैसले पर निराशा और दुख जताते हुए इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील की बात कही.